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क्यों कहा जा रहा है BRD हॉस्पिटल को मौत का अस्पताल?

हैरानी वाली बात ये है कि पिछले छह सालों में यहां तीन हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है.

FP Staff

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण पिछले पांच दिनों में 63 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन इससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि पिछले छह सालों में यहां तीन हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. हिंदुस्तान टाइम्स पर छपी खबर में कहा गया है कि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस सरकारी अस्पताल में 2012 से अब तक तीन हजार बच्चों की मौत हो चुकी है.


वहीं पिछले 30 सालों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में जापानी इनसेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) और अक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के कारण 50 हजार बच्चों की मौत हो चुकी है. योगी आदित्यनाथ के संस्दीय क्षेत्र गोरखपुर के स्वास्थ्य चिकित्सकों का मानना है कि इतनी मौतें लापरवाही के कारण हुई हैं. गोरखपुर के चिकित्सक एके प्रसाद ने कहा कि पहले भी अस्पताल के इनसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती खासतौर पर बच्चों की मौत लापरवाही के कारण हुई है.

सूत्रों का कहना है कि बुनियादी तौर पर मच्छरों से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए स्थापित किए गए कॉलेज को सुविधाएं बढ़ाने के लिए फंड का इंतजार है. एक अधिकारी ने कहा कि फंड का इंतजार अभी भी है. कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल केपी कुशवाहा ने जोर दिया है कि जेई और एईएस रोगियों के बारे में नीति में संशोधन की आवश्यकता है.