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सर्च इंजन गूगल डिजिटल तरीके से दांडी मार्च का कराएगा अनुभव

अंग्रेजों द्वारा नमक पर कर लगाये जाने के खिलाफ 12 मार्च, 1930 को दांडी यात्रा की शुरुआत हुई थी

Bhasha

महात्मा गांधी की ऐतिहासिक दांडी यात्रा की अनुभूति अब सर्च इंजन गूगल के जरिए भी किया जा सकता है. गूगल ने दांडी मार्च की कहानियां केवल किताबों में पढ़ने वाले आधुनिक पीढ़ी के लोगों को उस यात्रा की अनुभूति कराने के लिए डिजिटल तरीके से यह काम किया है.

गूगल ने दांडी मार्च की कहानी को गूगल अर्थ वोयेजर पर शामिल किया है. गूगल का दावा है कि इनमें से कई कहानी कभी जारी नहीं की गई है.


अंग्रेजों द्वारा नमक पर कर लगाये जाने के खिलाफ 12 मार्च, 1930 को इस यात्रा की शुरुआत हुई थी. 24 दिन की इस यात्रा ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को बड़ी गति प्रदान की थी.

इस यात्रा में 78 लोगों ने महात्मा गांधी के साथ लगभग 400 किलोमीटर के मार्च की शुरूआत की थी. इस दौरान रास्ते में भी कई लोग उनके साथ शामिल होते गए.

गूगल ने जारी अपने बयान में कहा कि लोग अब आजादी के आंदोलन में उस लंबी यात्रा की भावनाओं की अनुभूति कर सकते है.

बयान में कहा गया है कि ‘वोयेजर की कहानी आपको भारत की आजादी के लिए गांधी के अभियान में साबरमती से दांडी तक उनके नमक मार्च के कदमों पर फिर से चलाएगी.’ गूगल पर यह कहानी महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी के शब्दों में कही गई है.