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महान समाज सुधारक राजा राममोहन राय के 246वें जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि

इस डूडल में राजा राममोहन राय किताब पकड़े हुए नजर आ रहे हैं और उनके पास लोग खड़े हुए हैं

FP Staff

आज यानी 22 मई को महान समाज सुधारक राजा राममोहन राय का 246वां जन्मदिन है. इस खास मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. इस डूडल में राजा राममोहन राय किताब पकड़े हुए नजर आ रहे हैं और उनके पास लोग खड़े हुए हैं. इस डूडल के जरिए गूगल ने उनके जीवन को दर्शाने की कोशिश की है. गूगल ने दिखाया है कि किस तरह राजा राममोहन राय सारी जिंदगी अंधविश्वास और कुरीतियों में जकड़े लोगों को सही रास्ता दिखाने में जुटे रहे.  इस डूडल को टोरंटो की डिजाइनर बीना मिस्त्री ने बनाया है.

सति प्रथा को खत्म करने वाले राजा राम मोहन राय का जन्म 22 मई 1972 में हुआ था. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जन्में राम मोहन राय खुद एक हिंदु ब्राह्मण होने के बावजूद हमेशा कट्टर हिंदू रिती रिवाजों और मूर्ति पूजा के खिलाफ आवाज उठाते रहे.


आधुनिक भारत के जनक माने जाने वाले राम मोहन राय को 14 वर्ष की आयु तक बंगाली, संस्कृत, अरबी और फ़ारसी का ज्ञान हो गया था. 1803 से लेकर 1804 तक उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए भी काम किया. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ खुद को देश की सेवा में लगा दिया. इस दौरान वो दाहरी लड़ाई लड़ रहे थे. पहली स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों के खिलाफ और दूसरी अपने ही देश के लोगों से जो अंधविश्वास में जकड़े थे.

पिता से धर्म और हिंदू रिती-रिवाजों पर वैचारिक मतभेदों के कारण राय ने कम उम्र में ही घर छोड़ दिया था. इसके बाद उन्होंने हिमालय और तिब्बत का दौरा किया. इस दौरान उन्हें कई चीजों का ज्ञान प्राप्त हुआ.

राजा मोहन राय ने उपनिषद और वेदों को भी पढ़ा. इसके बाद उन्होंने अपनी पहली किताब 'तहफत अल मुवाहिदीन लिखी जिसमें उन्होंने रूढ़िवादी विचारों का जमकर विरोध किया.

1829 में सती प्रथा को खत्म करने का श्रेय राजा राम मोहन राय को ही जाता है. इसके साथ उन्होंने बाल विवाह, बहुविवाह, शिशु हत्या जैसी कई सामाजिक बुराई के खिलाफ आवा उठाई और खत्म करने की पुर जोर कोशिश की.