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इस नेकलेस को बेच चर्चा में आए थे नीरव मोदी

नेकलेस में 18 कैरेट व्हाइट गोल्ड का इस्तेमाल हुआ और पिंक डायमंड को जोड़कर इस बेशकीमती खूबसूरत गले के हार को तैयार किया गया था

FP Staff

हैदराबाद के गोलकुंडा डायमंड नेकलेस की वजह से 11 हजार करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी नीरव मोदी पहली बार पूरी दुनिया में चर्चा में आया था.

हैदराबाद की गोलकुंडा खदान से निकले असामान्य और बेशकीमती हीरे से बनाए गए नीरव मोदी के इस नेकलेस की नीलामी ब्रिटिश ऑक्शन हाउस क्रिस्टी में 2010 में हुई थी. उस वक्त गोलकुंडा डायमंड नेकलेस नीलामी में करीब 16 करोड़ रुपए में बिका था. इस नेकलेस को बनाने में 1300 ज्वेलरी एक्सपर्ट की मदद ली गई थी.


नेकलेस में 18 कैरेट व्हाइट गोल्ड का इस्तेमाल हुआ और पिंक डायमंड को जोड़कर इस बेशकीमती खूबसूरत गले के हार को तैयार किया गया था. गोलकुंडा डायमंड नेकलेस की नीलामी के बाद नीरव मोदी और उनकी कंपनी फायरस्टार डायमंड सुर्खियों में आ गई. दो महीने बाद ही नीरव मोदी ने दिल्ली में अपना पहला ज्वेलरी स्टोर खोला. आज दिल्ली और मुंबई समेत दुनियाभर में नीरव मोदी के 17 स्टोर हैं.

बेल्जियम में हीरे का व्यापार करता था मोदी परिवार

मूल रूप से गुजरात के पालनपुर का रहने वाला नीरव मोदी का परिवार कई पीढ़ियों से हीरा कारोबार से जुड़ा है. नीरव के केशवलाल मोदी 1930 के दशक से हीरे के कारोबार के लिए मुंबई से सिंगापुर चले गए थे. दो दशक बाद नीरव के पिता दीपक मोदी ने बेल्जियम के एंटवर्प में हीरा कारोबार शुरू किया. बेल्जियम का एंटवर्प शहर हीरा कारोबार की पूरी दुनिया की राजधानी के तौर पर जाना जाता है.

नीरव मोदी का परिवार हीरे का कारोबार जरूर करता था, लेकिन हीरे की ज्वेलरी डिजाइनिंग की शुरुआत नीरव मोदी ने की. बताया जाता है कि उसने पहले डिजाइनर इयरिंग्स अपने दोस्त के कहने पर बनाए थे, जो बहुत सराहे गए. इसके बाद नीरव ने ज्वेलरी डिजाइनिंग में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

साल 1999 में नीरव मोदी ने फायरस्टार डायमंड की स्थापना की. फायर डायमंड मुख्य रूप से डायमंड ज्वेलरी डिजाइनर कंपनी है और उसका करीब 2.3 अरब डॉलर का कारोबार है. कंपनी के ग्राहकों में केस विंस्लेट, नाओमी वॉट्स, ऐश्वर्या राय और लीजा हेडन जैसी अभिनेत्रियां शामिल हैं.

(न्यूज़18 के लिए संजय तिवारी की रिपोर्ट)