उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं की पत्थरबाजी में एक पुलिस कॉन्स्टेबल और दो स्थानीय नागरिकों की मौत हो गई थी. वहीं इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
पुलिस के मुताबिक, पत्थरबाजी निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नौनेरा में अटवा मोड़ पुलिस स्टेशन के पास के इलाके में की. सीओ सिटी, एमपी पाठक ने बताया कि 32 नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है. इसके अलावा इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
पत्थरबाजी में जान गंवाने वाले कॉन्सटेबल सुरेश वत्स के बेटे का कहना है कि पुलिस अपनी ही रक्षा नहीं कर पा रही है. हम उनसे और क्या ही उम्मीद रखें. अब हम मुआवजे का क्या करें. इससे पहले बुलंदशहर और प्रतापगढ़ में भी ऐसी ही घटनाएं हुईं.
गौरतलब है कि शनिवार को गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराजा सुहेलदेव को समर्पित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे. यहां उन्होंने महाराजा सुहेलदेव के नाम पर एक पोस्ट स्टांप जारी कर रैली को संबोधित किया. मृतक पुलिस कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स उसी सभा में ड्यूटी पूरी कर के वापस लौट रहे थे. तभी वह पत्थरबाजी का शिकार हो गए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कॉन्स्टेबल के परिवार को 50 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया.