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दिल्ली: एनजीटी ने भेजा ईडीएमसी, आप सरकार और एनएचआई को नोटिस

पिछले दिनों दिल्ली के गाजीपुर में कचरे का ढेर ढह जाने की वजह से दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी

Bhasha

गाजीपुर में कचरे का ढेर ढहने को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार, पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) और अन्य को सोमवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

गाजीपुर में कचरे का ढेर ढह जाने की वजह से दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी.


न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने वैधानिक दायित्वों का निर्वाह न करने के लिए आप सरकार और स्थानीय निकायों की भी खिंचाई की.

पीठ ने सवाल किया, ‘आपने ट्राइब्यूनल द्वारा समय समय पर जारी किए गए आदेशों का पालन क्यों नहीं किया? क्या दिल्ली के लोगों ने इस अंजाम की अपेक्षा की थी? क्या उन्हें कचरे के ढेर के नीचे दब कर मरना चाहिए? हमने आपसे कचरे के ढेर की ऊंचाई घटाने और कचरे में कमी लाने के लिए समुचित कदम उठाने को कहा था. आपने ऐसा क्यों नहीं किया?’

इस पीठ में न्यायमूर्ति आर एस राठौर भी हैं. पीठ ने कहा, ‘आप राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को कचरे के ढेर के तले मार रहे हैं . इससे ज्यादा अपमानजनक और कुछ नहीं हो सकता.’ मामले की अगली सुनवाई पीठ ने 12 सितंबर को नियत की है.

पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में एक सितंबर को भारी बारिश की वजह से, कचरे के 45 मीटर ऊंचे ढेर का कुछ हिस्सा गिर गया जिससे दो लोगों की मौत हो गई. इस दौरान एक कार और तीन दुपहिया वाहन कचरे के वेग से एक नहर में जा गिरे .

इस लैंडफिल का प्रबंधन करने वाले ईडीएमसी के अधिकारियों के अनुसार, यह स्थान वर्ष 2002 में पूरी तरह भर चुका था और स्थानीय निकाय लंबे समय से वैकल्पिक स्थान की तलाश कर रहा है.

1984 में शुरू हुआ था गाजीपुर लैंडफिल

गाजीपुर का यह लैंडफिल वर्ष 1984 में शुरू किया गया था और यह 29 एकड़ से अधिक भूभाग में फैला हुआ है.

अधिकारियों के अनुसार, यहां डाले जाने वाले कचरे के ढेर की स्वीकृत ऊंचाई 20 मीटर है . हर दिन यहां 2,500 से लेकर 3,000 मीट्रिक टन कचरा डाला जाता है.

दुर्घटना के मद्देनजर उप राज्यपाल अनिल बैजल ने भी गाजीपुर लैंडफिल स्थल पर कचरा डाले जाने पर रोक लगा दी है. यहां डाला जाने वाला कचरा अब दिल्ली हरियाणा सीमा के समीप रानीखेड़ा में एक अस्थायी स्थल पर डाला जा रहा है.

ईडीएमसी ने पिछले साल नवंबर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. इस सहमति पत्र पर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के निर्माण में गाजीपुर लैंडफिल से ठोस अपशिष्ट का उपयोग करने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग 24 का ही एक हिस्सा है.

शहर में अन्य बड़े कचरा स्थल ओखला, नरेला और बवाना में हैं.