अमेरिकी कार कंपनी जनरल मोटर्स (जीएम) भारत से अपना कारोबार समेटेगा. कंपनी ने भारत में दिसंबर, 2017 के बाद अपने वाहनों की ब्रिकी रोकने का फैसला किया है. कंपनी लगभग दो दशक से भारतीय बाजार में पैठ बनाने की कोशिश कर रही थी लेकिन इसमें मिल रही नाकामी को देखते हुए उसने यहां अपना बिजनेस बंद करने का फैसला किया है.
कंपनी ने गुजरात के हलोल में अपने पहले कारखाने से पिछले महीने ही प्रोडक्शन बंद कर दिया था. अब वह पुणे के तालेगांव स्थित अपने कारखाने से वाहनों के निर्यात पर ही फोकस करेगी.
गुरुवार को कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि 'उसने जीएम इंडिया की भावी उत्पाद योजनाओं की व्यापक समीक्षा के बाद यह फैसला किया है. कंपनी ने रूस और यूरोप समेत चार अन्य इंटरनेशनल मार्केट से भी बाहर निकलने का फैसला किया है.'
भारत में जनरल मोटर्स को उपेक्षित रिटर्न नहीं मिला
अमेरिका की कंपनी जनरल मोटर्स भारत में शेवरले ब्रांड के गाड़ियां बेचती है. जीएम के कार्यकारी उपाध्यक्ष स्टीफन जेकोबी ने कहा है कि कंपनी ने कई विकल्पों पर विचार किया और पाया कि भारत के लिए उसने जिस निवेश की योजना बनाई थी उससे आशा के अनुरूप रिटर्न नहीं मिलने वाला है.
2016-17 में जीएम की भारत में ब्रिकी लगभग 21 फीसदी घटकर 25,823 वाहन रही. हालांकि, इस दौरान कंपनी का प्रोडक्शन 16 फीसदी बढ़कर 83,368 वाहन रहा. इनमें से अधिकतर वाहनों का निर्यात किया गया.
कंपनी ने साल 2015 में घोषणा की थी कि वह भारत में अपने विस्तार के लिए एक अरब डॉलर का निवेश करेगी. कंपनी ने लोकली डेवलपड 10 नई गाड़ियां भी पेश करने की घोषणा की थी. हालांकि भारत में अपने खराब प्रदर्शन को देखते हुए कंपनी ने निवेश की सभी योजनाओं पर रोक लगा दी है.
कंपनी ने जनरल मोटर्स इंडिया के कर्मचारियों को अपने फैसले के बारे में बता दिया है. उसके इस फैसले से कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे यह फिलहाल पता नहीं चल सका है. सूत्रों का कहना है कि इस फैसले से कम से कम 200 कर्मचारी प्रभावित होंगे.