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जीबी पंत अस्पताल में 2016 से बंद पड़ी है एमआरआई यूनिट

आपातकालीन स्थिती में मरीजों को लोक नायक अस्पताल में भेज दिया जाता है जहां उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है

FP Staff

जीबी पंत अस्पताल जाने माने अस्पतालों मे से एक है. दिल्ली के बड़े अस्पतालों मे इसकी गिनती होती है लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अस्पताल में फरवरी 2016 से एक भी कार्यात्मक एमआरआई मशीन नहीं है जिसका सीधा असर मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है. एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. आपको बता दें कि एमआरआई मशीनों के काम न करने से आपातकाल स्थिती में मरीजों को लोक नायक अस्पताल में भेज दिया जाता है जहां उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है.

एमआरआई मशीन अस्पतालों में क्यों जरूरी है?


इन मशीनों की मदद से मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, छाती जैसे विभन्न अंगों की स्थितियों का पता लगाया जाता है ताकि रोगियों का सही से उपचार हो सके. साथ ही इन मशीनों का इस्तेमाल शरीर के विभन्न अंगों की साफ इमेज पाने के लिए भी किया जाता है. इस तरह की इमेज एक्स-रे, सीटी स्कैन या अल्ट्रासाउंड से भी नहीं आ पाती है. इसके अलावा इन मशीनों का प्रयोग आकलन करने के लिए किया जाता है कि रोगियों का पिछला ट्रीटमेंट कितना प्रभावी था.

किस तरह मरीजों को प्रभावित करता है?

इन मशीनों के न होने से रोगियों के इलाज में बहुत अधिक प्रभाव पड़ रहा है.  गंभीर स्थिती में मरीजों को एमआरआई के लिए बाहर भेजना पड़ रहा है लेकिन अगर ये मशीने काम कर रहीं होती तो ऐसा न करना पड़ता. एमआरआई की आवश्यकता में कोई और शोध कार्य नहीं हो रहा.