बिहार के गया में एक डॉक्टर के सामने ही उसकी पत्नी और बेटी से गैंगरेप के मामले पर सियासत गरमा गई है. लालू यादव की पार्टी आरजेडी के कुछ नेताओं पर आरोप है कि गैंगरेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए जो प्रदर्शन किया गया उसमें पीड़िता की पहचान सार्वजनिक कर दी गई. नाबालिग पीड़िता के मना करने पर भी आरजेडी नेता जनता के सामने उससे सवाल पूछते रहे. इस मामले का वीडियो वायरल हो जाने के बाद इन नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
बता दें कि आरजेडी नेताओं ने पीड़िता को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाते समय पुलिस की गाड़ी रोककर प्रर्दशन किया था और जबरदस्ती पीड़िता से मुलाकात की थी. नेताओं ने पीड़िता के साथ फोटो खिंचवाई और जमकर नारेबाजी की.
आरजेडी से पूर्व सांसद आलोक मेहता, बेलागंज विधायक सुरेन्द्र प्रसाद यादव, महिला सेल की अध्यक्ष आभा लता, महिला आरजेडी जिलाध्यक्ष सरस्वती देवी, आरजेडी जिलाध्यक्ष निजाम आलम समेत छह नेताओं के खिलाफ मगध मेडिकल थाना में आईपीसी की धारा 114, 147, 353, 228 A के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. बता दें कि गैंगरेप या रेप पीड़िता और उसके परिवार की पहचान को सार्वजनिक करना दण्डनीय अपराध है.
इस मामले पर महिला आयोग ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. बिहार महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने आरोपी नेताओं के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की मांग की है. दिलमणि ने कहा कि सभी आरोपियों को नोटिस भेजे जाएंगे और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जेडीयू ने आरजेडी को घेरा, कांग्रेस ने बयानबाजी से किया किनारा
गैंगरेप मामले में आरजेडी नेताओं की हरकत पर जेडीयू ने निशाना साधा है. जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि आरजेडी का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है. जिन विधायक सुरेंद्र यादव पर आरोप लगे हैं, उन पर खुद हत्या और डकैती के कई मामले दर्ज हैं.
संजय सिंह ने कहा कि इस मामले की कार्रवाई पॉक्सो एक्ट के तहत होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हमारा महागठबंधन से अलग होने का फैसला सही साबित हुआ.
वहीं कांग्रेस आरजेडी नेताओं की हरकत पर बयान देने से बचती नजर आई. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि गया मामले में राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है. जिसने भी पीड़िता की पहचान को उजागर किया है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
क्या था पूरा मामला
बिहार में 35 साल की एक महिला के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था. यह घटना उस वक्त हुई जब इस महिला की नाबालिग बच्ची के साथ रफीगंज-गया क्षेत्र में कुछ लोगों का समूह छेड़खानी कर रहा था.
बुधवार शाम को एक डॉक्टर अपनी पत्नी और बच्ची के साथ मोटरसाइकिल से जा रहा था. पुलिस के मुताबिक करीब 10 लोगों के झुंड ने उन्हें रोका और डॉक्टर के हाथ-पैर बांध दिए. इसके बाद महिला और उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने से पहले डॉक्टर को खेत के किनारे फेंक दिया गया था.