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गौरी लंकेश की हत्या में शामिल वाघमारे से हमारा कोई संबंध नहीं: श्रीराम सेना

श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने साफ कह दिया है कि परशुराम से हमारे संगठन का कोई संबंध नहीं है.

FP Staff

कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा गिरफ्तार किए गए परशुराम वाघमारे पर सियासी उठापटक मची हुई है, द हिंदू में छपी खबर में परशुराम को श्रीराम सेना का कार्यकर्ता बताया जा रहा है वहीं श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने साफ कह दिया है कि परशुराम से हमारे संगठन का कोई संबंध नहीं है.

मुथालिक ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि परशुराम ने एसआईटी के सामने क्या कहा, बहुत सारे लोग मेरे साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, किसी के साथ फोटो खिंचवाने से कोई संगठन का कार्यकर्ता नहीं बन जाता. श्रीराम सेना का परशुराम से कोई संबंध नहीं है.'


विशेष जांच दल ने हत्या के मामले में श्रीराम सेना के विजयपुरा जिला अध्यक्ष राकेश मथ को भी पूछताछ के लिए समन भेजा है. पुलिस के एक अधिकारी बताया कि एसआइटी मथ से पूछताछ करेगी क्योंकि परशुराम इसी संगठन का सदस्य है.

एसआइटी जानना चाहती है कि गौरी लंकेश की हत्या में कहीं मथ का हाथ तो नहीं है. एसआइटी का मानना है कि कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों में मथ का मजबूत आधार है.

बता दें कि कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने परशुराम वाघमारे को गिरफ्तार किया है. इस हफ्ते के शुरुआती दिनों में एसआईटी ने आरोपी वाघमारे को उत्तर कर्नाटक के विजयपुरा जिले से गिरफ्तार किया. एसआईटी का दावा है कि पूछताछ में वाघमारे ने लंकेश की हत्या की बात कबूल ली है. उसने जांच टीम को बताया है कि हत्या से पहले यह पता नहींं था कि वह किसे मार रहा है.

परशुराम ने गौरी लंकेश पर दागी थीं 4 गोलियां

घटना 5 सितंबर 2017 की है जब बेंगलुरु के पॉश इलाके आरआर नगर में लंकेश को उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई. हमले में उनपर 4 गोलियां दागी गई थीं जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई.

एसआईटी के सूत्रों ने शुक्रवार को टाइम्स ऑफ इंडिया को वाघमारे की कबूल की गईं कुछ बातें बताई. पूछताछ के दौरान वाघमारे ने कहा, मई 2017 में मुझे कहा गया कि अपने धर्म की रक्षा के लिए हमें किसी को मारना है. मैं इसके लिए राजी हो गया. तबतक मुझे यह पता नहीं था कि किसे मारना है. अब लगता है कि मुझे किसी महिला को नहीं मारना चाहिए था.

वाघमारे ने बताया है कि उसे 3 सितंबर को बेंगलुरु लाया गया. उसने बेलगावी में एअरगन चलाने की ट्रेनिंग ली थी. वाघमारे ने कहा, सबसे पहले मुझे एक घर में ले जाया गया. कुछ देर बाद एक बाइक सवार आया और मुझे वह घर दिखाने ले गया जहां मुझे किसी को मारना था. अगले दिन बाइक सवार मुझे बेंगलुरु के किसी और घर में ले गया. एक दूसरा शख्स मुझे बाइक से आरआर नगर के एक मकान में छोड़ गया. मुझे गौरी लंकेश को आज-आज में मारने की बात कही गई लेकिन लंकेश उस दिन घर से नहीं निकलीं.

हत्या की रात ही शहर से फरार हो गया था परशुराम

वाघमारे ने बताया, 5 सितंबर को शाम 4 बजे मुझे बंदूक दी गई. शाम को ऑफिस से लौटते वक्त लंकेश कार का दरवाजा खोलकर ज्योंहि बाहर निकलीं, मैंने उनपर चार गोलियां दाग दीं. मैं और बाइक सवार अपने रूम पर लौटे और उसी रात शहर छोड़कर निकल गए.

दूसरी ओर, द हिंदू ने वाघमारे को श्री राम सेना के संगठन का कार्यकर्ता बताया है. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लंकेश हत्याकांड को लगभग सुलझ जाने के करीब बताया है. अखबार ने वाघमारे के बारे में लिखा, वाघमारे श्री राम सेना का कार्यकर्ता है जो कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पार के नगर सिंडगी जिला विजयपुरा का रहने वाला है. हत्यारों में वाघमारे की पहचान हुई थी. इस घटना के चश्मदीद गवाह ने हत्या में शामिल वाघमारे के अलावा एक और आरोपी की पहचान की थी जब वे बिना चेहरा ढके लंकेश के घर के सामने खड़े थे.

कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने गौरी लंकेश हत्याकांड के बारे में कहा, जांच चल रही है इसलिए इस बारे में कुछ नहीं कह सकता. मेरी राय से जांच में कुछ दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए. जांच पूरी होने के बाद आरोप-पत्र दायर होगा और आगे कानून अपना काम करेगा.