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गौरी लंकेश मर्डर में शामिल संगठनों पर बैन लगाने पर फैसला करेगी कर्नाटक सरकार

एसआईटी ने एडिशनल चार्जशीट दाखिल कर सनातन संस्था को हत्या का आरोपी बनाया है

FP Staff

पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बेंगलुरू की एक अदालत में एक अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल करके इस हत्या के पीछे हिंदू सगंठन सनातन संस्था पर आरोप लगाया है. अब कर्नाटक सरकार ने कहा है कि पत्रकार की हत्या में शामिल संगठनों पर बैन लगाने पर विचार करने वाली है.

एसआईटी ने प्रधान नागरिक और सत्र अदालत में शुक्रवार को नौ हजार 235 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है. इस आरोप पत्र में टीम ने हत्या में सनातन संस्था पर प्रतिबंध का हाथ होने की बात कही है. इसमें हिंदू संगठन सनातन संस्था और 18 आरोपितों के नाम हैं.


इसके बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वरा ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार जल्द ही पत्रकार-कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या में शामिल संगठनों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करेगी.

पत्रकारों से बात करते हुए परमेश्वर ने कहा, 'इस अपराध में शामिल संगठनों के बारे में चर्चा नहीं की गई, लेकिन हम जल्द ही इस पर निर्णय लेंगे.'

एसआईटी ने इस मामले की जांच आगे भी जारी रखने की इजाजत मांगी है.

लेफ्ट विचारधारा रखने वाली और हिंदुत्व विरोधी विचारों के लिए जानी जाने वाली 55 साल की गौरी लंकेश की पिछले साल पांच सितंबर को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में गुस्सा फैल गया था.

इसके बाद सिद्धरमैया सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था.

एसआईटी के सूत्रों ने बताया कि इस मामले में अब तक शूटर परशुराम वाघमारे और हत्या के मास्टरमाइंड अमोल काले, सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण और अमित देगवेकर समेत 18 लोग आरोपी हैं.

बुद्धिजीवियों एम एम कलबुर्गी, नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या में भी इस गैंग के शामिल होने का शक है.

(एजेंसी से इनपुट के साथ)