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गौरी लंकेश हत्या मामला: सुराग देने वाले को 10 लाख का इनाम

फुटेज में बस इतना दिख रहा है कि दो हमलावर थे. उन्होंने काले रंग की जैकेट और हेलमेट पहन रखी थी. यही वजह है कि उसकी पहचान नहीं हो पा रही

FP Staff

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश के हत्यारों का अभी तक पता नहीं चल सका है. मामले की छानबीन कर रही पुलिस के हाथ अभी कोई सुराग नहीं लगा है. ऐसे में कर्नाटक सरकार ने हत्यारों का सुराग देने वाले को इनाम देने की घोषणा की है. सरकार ने कहा है कि गौरी के हत्यारों का सुराग देने वालों को 10 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा.

आपको बता दें कि घटना के वक्त का एक सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगा है. लेकिन इससे ज्यादा मदद मिलने की संभावना कम ही नजर आ रही है. मामले की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक, क्योंकि मौका-ए-वारदात पर रौशनी बहुत कम थी. जिस वजह से कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा है.


अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, उस जगह पर लगे दो सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया है. इन दोनों के फुटेज से खास मदद मिलने की संभावना कम ही दिख रही है.

फुटेज में बस इतना दिख रहा है कि दो हमलावर थे. उसने काले रंग की जैकेट और हेलमेट पहन रखी थी. यही वजह है कि उसकी पहचान नहीं हो पा रही.

फुटेज में दिख रहा है कि दो लोग एक बाइक पर आए, उसने गौरी लंकेश की गाड़ी के पीछे बाइक को पार्क किया. जैसे ही गौरी लंकेश ने अपनी कार की गेट खोला और बाहर निकलने को आई, तभी पीछे से दोनों हमलावरों ने गोली मार दी.

फुटेज की माने तो पूरी घटना आठ सेकेंड में हुई है. पुलिस के मुताबिक गौरी लंकेश के फोन रिकॉर्ड को भी पुलिस ने खंगाला है. उससे भी बहुत कुछ जानकारियां नहीं मिल पाई है. इस बीच फोरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार है.

खास बात यह भी है कि गुरुवार को गौरी लंकेश के भाई इंद्रजीत लंकेश ने हत्या में माओवादियों के होने की आशंका व्यक्त की थी. इसके बाद पुलिस भी इस एंगल से मामले की जांच कर रही है.

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि जब गौरी कर्नाटक सरकार के साथ माओवादियों के खिलाफ काम कर रही थी. लोगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही थी. ऐसे में सरकार ने उन्हें सुरक्षा मुहैया क्यों नहीं करवाया.

उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में किसी भी हत्या को जायज नहीं ठहराया जा सकता है. उम्मीद है कर्नाटक पुलिस जल्द ही मामले का खुलासा करेगी.