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किडनी की बीमारी से प्रभावित गांव के लोगों ने सरकार से जताई नाराजगी

प्रशासन के इस रवैये से ग्रामीण बेहद नाराज हैं और गांव के हालात के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं

FP Staff

छत्तीसगढ़ में गरियाबंद जिले के किडनी प्रभावित सुपेबेड़ा गांव में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी मौत का तांडव लगातार जारी है. इसी क्रम में गुरुवार बीती रात 70 साल के हरे कृष्ण सोनवानी की किडनी की बीमारी से मौत हो गई.


परिजनों के मुताबिक वह पिछले तीन महीने से किडनी की बीमारी से पीड़ित था. शासन द्वारा लगाए गए सभी शिविरों में भी गया, लेकिन उसका पूरा इलाज नहीं हो पाया. वहीं परिजनों ने मौत के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.

इधर, घटना को लेकर गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं जिला प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों में नाराजगी भी साफ नजर आ रही है. वहीं ग्रामीण जल्द ही प्रशासन की योजनाओं का बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं.

बता दें कि सुपेबेड़ा में बड़े पैमाने पर किडनी की बीमारी फैली हुई है. दो साल में अब तक 32 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. गांव में 116 लोग अब भी किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं.

जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस बीमारी के रोकथाम की कोशिशों में लगा हुआ है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है. प्रशासन पहले बीमारी के कारणों की जानकारी नहीं होने का हवाला देकर इलाज नहीं कर पा रहा था और अब 6 जुलाई को कारणों का पता चल गया, फिर भी कोई ठोस पहल अब तक नहीं की गई है.

प्रशासन के इस रवैये से ग्रामीण बेहद नाराज हैं और गांव के हालात के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

(न्यूज़ 18 के लिए कृष्ण कुमार सैनी की रिपोर्ट)