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देश में महात्मा गांधी का पहला मंदिर 'चमत्कारों' की वजह से चर्चा में

चारी ने बताया कि लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए यहां एक बरगद के पेड़ पर भगवा धागे भी बांधते हैं

FP Staff

तेलंगाना के नालकोंडा जिले में बना महात्मा गांधी का मंदिर कई वजहों से चर्चा का विषय बना हुआ है. ये मंदिर साल 2014 में साढ़े चार एकड़ में बनाया गया था. ये देश में पहला महात्मा गांधी का मंदिर था. हांलाकि मंदिर अब अपने चमत्कारों की वजह से भी चर्चा में बान हुआ है.

मंदिर के प्रमुख पुजारी कुरेल्ला नारायण चारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा कि राजस्थान के एक व्यपारी यहां अपने परिवार के साथ आए थे. उन्हें काफी सालों से अपनी बेटी की शादी कराने में काफी दिक्कत हो रहा थी. लेकिन उनके इस मंदिर में दर्शन करने के कुछ दिनों के अंदर ही उनकी बेटी का रिश्ता पक्का हो गया.


चारी ने बताया कि लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए यहां एक बरगद के पेड़ पर भगवा धागे भी बांधते हैं.

गांधी जयंती के दिन खास इंतजाम

इस मंदिर में महात्मा गांधी की मार्बल की एक मूर्ति है जिसके सामने बैठकर लोग ध्यान करते हैं. 6 लोगों का ट्रस्ट मंदिर को चलाता है, और लोगों की तरफ से मिले चंदे से बाकी काम होते हैं.

इसके अलावा मंदिर में एक लाइब्रेरी भी है जिसमें भगवद गीता, कुरान और बाइबल जैसे शास्त्र  रखे गए हैं. गांधी जयंती के दिन इस मंदिर में खास इंतजाम किए जाते हैं. इस दौरान कई सारे आयोजन भी होते हैं. साथ ही इस दिन बापू के सिद्धांतों के बारे में भी लोगों को बताया जाता है.

महात्मा गांधी का दूसरा मंदिर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बनाया गया है जिसका उद्घाटन सीएम चंद्रबाबू नायडु आज यानी बापू की 150वीं जयंति पर करेंगे.