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FTII की छात्रा ने किया दावा, यौन शोषण के खिलाफ बोलने की मिली उसे ऐसी सजा

छात्रा ने कहा कि इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने उसके लिए काम करने का गंदा वातावरण बनाया है है. साथ ही उसे डराया जाता है और उसके काम में बाधाएं उत्पन्न की जाती हैं, छात्रा ने कहा कि उसके फिल्मी करियर को भी बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है

FP Staff

फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) की फाइनल ईयर की एक छात्रा ने संस्थान के डायरेक्टर भूपेंद्र कैंथोला पर कई तरह के आरोप लगाए हैं. उस छात्रा ने कहा कि इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने उसके लिए काम करने का गंदा वातावरण बनाया है है. साथ ही उसे डराया जाता है और उसके काम में बाधाएं उत्पन्न की जाती हैं. छात्रा ने कहा कि उसके फिल्मी करियर को भी बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है. छात्रा के मुताबिक ऐसा तब से हो रहा है जब से उसने संस्थान में हो रहे यौन शोषण के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी. वहीं इस मामले में संस्थान के निदेशक डायरेक्टर भूपेंद्र कैंथोला ने कहा कि यह आरोप बुरे और काल्पनिक हैं.

आपको बता दें कि उस छात्रा ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को 4 पन्नों की चिट्ठी लिखी है. उस चिट्ठी में शिकायत की गई है कि एफटीआईआई संस्थान में किस तरह सेयौन शोषणा का मामला तूल पकड़ रहा है. 2016 बैच की उस छात्रा ने बताया कि उसको परेशान करना तब शुरू हुआ जब उसने संस्थान के एक प्रोफेसर के खिलाफ गवाही दी थी. वह प्रोफेसर पिछले साल सितंबर महीने में तीन छात्राओं के साथ यौन शोषण करने के आरोप में फंस चुका था. इसके बाद अप्रैल 2018 में उस छात्रा ने एफटीआईआई की इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी (आईसीसी) में अपने एक बैचमेट पर यौन शोषण का आरोप लगाया था.

छात्रा ने कहा कि उसका वह सहपाठी रात को जबरन उसके होटल के कमरे में घुस आया था और उसके साथ बुरा व्यवहार कर रहा था. छात्रा ने बताया कि उस समय छात्रों का एक ग्रुप वर्कशॉप के लिए औरंगाबाद पहुंचा हुआ था. इस मामले के बाद उस ग्रुप के साथ मौजूद सीनियर प्रोफेसर को हटा दिया गया था जबकि उस छात्र को तीन महीने के लिए होस्टल से सस्पेंड कर दिया गया था और उसे थेरेपी क्लास लेने का निर्देश दिया गया था. हालांकि इस साल अगस्त में

शिकायतकर्ता छात्रा को अकादमिक प्रोजेक्ट के दौरान प्रोफेशनल मिसकंडक्ट और अकादमिक अनुशान के लिए पूरे सेमेस्टर के लिए निष्कासन के साथ दंडित किया गया था. एफटीआईआई प्रशासन ने उन्हें अपनी डिप्लोमा फिल्म पर काम करने से भी रोक दिया था.

वहीं इस मामले में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) के डायरेक्टर भूपेंद्र कैंथोला का कहना है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि एफटीआईआई की इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी (आईसीसी) की स्टेटमेंट

को अपने अकादमिक करियर के साथ जोड़ा. अगर उसने कुछ गलत किया है तो उसके खिलाफ एक्शन जरूर लिया जाएगा. वहीं छात्रा ने कहा कि जिन प्रोफेसर के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया गया था वह डायरेक्टर के काफी करीबी थे. यही वजह है कि उसे इसकी सजा दी गई है.