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केंद्र सरकार 3 मई तक कावेरी प्रबंधन योजना पेश करे: सुप्रीम कोर्ट

न्यायालय ने कहा कि उसके द्वारा योजना के प्रारूप का अवलोकन करने और कावेरी जल के उचित तरीके से बंटवारे को अंतिम रूप देने तक प्राधिकारियों को शांति सुनिश्चित करनी होगी

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि कावेरी प्रबंधन योजना का मसौदा तैयार करके उसे तीन मई से पहले पेश करे. साथ ही न्यायालय ने तमिलनाडु, कर्नाटक अैर अन्य दावेदारों को राज्यों में शांति बनाए रखने का निर्देश दिया.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि उसने तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पुडुचेरी के बीच जल बंटवारे के मामले में फैसला करते हुए कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के अवॉर्ड पर विचार किया था. पीठ ने कहा कि सभी पक्षकारों को उसके फैसले का अनुपालन करना होगा.


न्यायालय ने कहा कि उसके द्वारा योजना के प्रारूप का अवलोकन करने और कावेरी जल के उचित तरीके से बंटवारे को अंतिम रूप देने तक प्राधिकारियों को शांति सुनिश्चित करनी होगी.

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में केंद्र से कहा था कि वह दशकों पुराने कावेरी जल विवाद पर दी गई व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक योजना तैयार करे. न्यायालय ने कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के 2007 के फैसले में सुधार करते हुए स्पष्ट किया था कि वह किसी भी आधार पर इसकी समय सीमा नहीं बढ़ाएगा.

शीर्ष अदालत ने 16 फरवरी को कावेरी जल में कर्नाटक की हिस्सेदारी 14.75 टीएमसी फुट बढ़ा दी थी और तमिलनाडु का हिस्सा कम कर दिया था जबकि इसकी भरपाई के लिए उसे कावेरी तट से 10 टीएमसी फुट भूजल निकालने की अनुमति प्रदान की थी. न्यायालय ने कहा था कि पेय जल के मुद्दे को उच्च पायदान पर रखना होगा.

शीर्ष अदालत के इस फैसले के साथ ही तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पुडुचेरी को कुल 740 टीएमसी फुट जल में से हर साल क्रमश : 404.25 टीएमसी फुट, 284.75 टीएमसी फुट, 30 टीएमसी फुट और सात टीएमसी फुट जल मिलेगा.