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असम एनआरसी: नाम दर्ज कराने के दावे के लिए फॉर्म मिलने में देरी से लोग नाखुश

फॉर्म अब 16 अगस्त से वितरित किए जाने की संभावना है, एनएसके 30 अगस्त से 28 सितंबर तक फॉर्म स्वीकार करेगी और तब सत्यापन और उसके निपटारे की प्रक्रिया शुरू होगी

Bhasha

असम में लोगों को राज्य के राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) में दावों, आपत्तियों और सुधार के लिए फॉर्म नहीं मिल पाने के कारण लोग नाखुश हैं. एनआरसी सेवा केंद्र (एनएसके) द्वारा लोगों को पूर्ण मसौदे में उनका नाम शामिल नहीं किए जाने के कारणों के बारे में सात अगस्त से ही बताना शुरू करना था लेकिन ये प्रक्रिया 10 अगस्त से शुरू हुई. केंद्रों पर दावों, आपत्तियों और सुधारों के लिए फॉर्म वितरित होने थे और लोगों के नाम एनआरसी में शामिल नहीं किए जाने के कारण बताने थे, लेकिन वहां से लोगों को बिना फॉर्म के लौटना पड़ा.

एनआरसी अधिकारियों ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सूत्रों के अनुसार फॉर्म अब 16 अगस्त से वितरित किए जाने की संभावना है. एनएसके 30 अगस्त से 28 सितंबर तक फॉर्म स्वीकार करेगी. इसके बाद उसके सत्यापन और उसके निपटारे की प्रक्रिया शुरू होगी. मौजूदा प्रक्रिया सिर्फ उन लोगों के लिए सीमित है, जिन्होंने 31 अगस्त 2015 तक आवेदन किया था. दावे, आपत्तियां और सुधार भी सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए हैं.


असम की पहली महिला मुख्यमंत्री सैयदा अनवरा तैमूर, पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के रिश्तेदारों समेत अन्य ने एनआरसी को अपडेट करने के लिए आवेदन नहीं दिया था इसलिए उनके नाम शामिल नहीं हैं. गत 30 जुलाई को प्रकाशित एनआरसी के दूसरे और अंतिम मसौदे में कुल 3 करोड़ 29 लाख 91 हजार 384 आवेदकों में से 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों के नाम ही शामिल किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के लिए कोई समय-सीमा नहीं तय की है, लेकिन केंद्र ने 31 दिसंबर 2018 तक इसे अपडेट करने के लिए कुल 1220 करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी दी है.