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दागी नेताओं पर सुनवाई के लिए बनेंगे 12 फास्ट ट्रैक कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे के लिए 7.80 रुपए की लागत से 12 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की जानकारी दी

FP Staff

दागी सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों के जल्द निपटारे के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने मंगलवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. जिसमें कहा गया है कि सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित पड़े आपराधिक मामलों के तेज निपटारे के लिए 12 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे.

मुकदमों के जल्द निपटारे को लेकर स्कीम बना ली गई है. केंद्र सरकार ने दायर हलफनामे में बताया कि 12 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन के लिए 7.80 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.

इन फास्ट ट्रैक कोर्ट्स में देश के जनप्रतिनियों के खिलाफ दर्ज कराए गए 1500 से अधिक मामलों की सुनवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इन मामलों की सुनवाई जल्द पूरी करने को कहा है. अदालत ने बीजेपी नेता अश्वनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर की गई उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही जिसमें उन्होंनेे आपराधिक केस दर्ज होने वाले सभी सांसदों और विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग उठाई थी.

तस्वीर: न्यूज18 हिंदी

बीते 1 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि उसके 10 मार्च, 2014 के फैसले के पालन के लिए सरकार क्या कर रही है. तब कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमों का निपटारा 1 साल के भीतर होना चाहिए.

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की इस बात का समर्थन किया था और कहा था कि सरकार विशेष अदालतें गठित करने और नेताओं के लंबित मुकदमों के तेजी से निपटारे के खिलाफ नहीं है. इसपर कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि अभी लंबित मुकदमों के जल्दी निपटारे के लिए उसकी क्या योजना है?