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चारा घोटालाः लालू से जुड़े चौथे मामले में फैसला आज

लालू पर 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3 करोड़ 76 लाख की अवैध निकासी का आरोप है

FP Staff

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाला मामले में दर्ज चौथे मुकदमे में सीबीआई की विशेष अदालत आज यानी शनिवार को अपना फैसला सुना सकती है. इससे पहले कोर्ट ने 5 मार्च को इस मामले की सुनवाई करते हुए फैसले को गुरुवार 15 मार्च के लिए सुरक्षित रख लिया था.

लालू प्रसाद ने अपने वकील के माध्यम से पूछा था कि अगर इतना बड़ा घोटाला बिहार में हुआ तो उस दौरान 1991 से 1995 के बीच बिहार के महालेखाकार कार्यालय के अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? लालू के इस याचिका के बाद अदालत ने तीन लोगों के खिलाफ समन जारी किया है. इसमें बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक के अलावा महालेखाकार कार्यालय के तीन अधिकारी शामिल हैं.


अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत लालू ने इन तीनों को भी नोटिस जारी कर इस मामले में सह अभियुक्त बनाने का अनुरोध किया था. अदालत ने संबद्ध तीनों अधिकारियों को तीन सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने के लिए समन जारी किए हैं.

3 करोड़ 76 लाख रुपए की अवैध निकासी का है मामला

लालू पर 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3 करोड़ 76 लाख की अवैध निकासी का आरोप है. उस समय लालू बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. इस मामले में लालू समेत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत कुल 31 आरोपी है.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद है. चारा घोटाला से जुड़े 3 मामलों में उन्हें सजा सुनाई जा चुकी है.

चारा घोटाले के पहले मामले में साल 2013 में पांच साल की सजा सुनाई गई थी. दूसरे मामले में लालू को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. तीसरे मामले में उन्हें चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में 24 जनवरी अदालत ने लालू को दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा दी थी.

दोषी साबित होने पर हो सकती है 10 साल तक की सजा

केस नंबर आरसी 38ए/96 के तहत दर्ज इइस मामले में लालू समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज है. इनमें से कुछ धाराओं में दोषी साबित होने पर उन्हें 10 साल तक की सजा भी हो सकती है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई कोर्ट इस मामले में रोजाना सुनवाई कर रही है. चारा घोटाला से जुड़ा पांचवा मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा है. यह इस घोटाले का सबसे बड़ा मामला है. इसमें 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है.