चेन्नई की मछलियों में कैसर कारक केमिकल फॉर्मलीन पाया गया है. चिंताद्रीपेट और कसिमेडू मछली बाजार से मछलियों के 30 नमूने लिए गए जिनमें 11 मछलियों के सैंपल फॉर्मलीन टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए. फॉर्मलीन कैंसर कारक केमिकल है जिसे मछलियों को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किया जाता है. मछली बाजारों में फॉर्मलीन का उपयोग अवैध है.
द हिंदू के लिए तमिलनाडु के डॉ. जयललिता फिशरीज यूनिवर्सिटी ने मछलियों की जांच की थी. इसी यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने फॉर्मलीन टेस्ट किट का इजाद किया है. मछलियों की जांच 4 जुलाई और 8 जुलाई को की गई. टेस्ट में शामिल 30 तरह की मछलियां इसी तारीख को चेन्नई के बाजारों से खरीदी गई थीं.
रविवार 8 जुलाई को खरीदी गईं 17 प्रकार की मछलियों में 10 का टेस्ट फॉर्मलीन पॉजिटिव पाया गया. फॉर्मलीन का फौरी असर एलर्जी के रूप में देखा जाता है, जैसे कि आंख, गला, स्किन और पेट में जलन की समस्या सामने आ सकती है. लंबे दिनों तक फॉर्मलीन का उपयोग किडनी, लिवर का कैंसर पैदा कर सकता है.
तमिलनाडु में ऐसा पहली बार हुआ है जब वहां की मछलियां फॉर्मलीन पॉजिटिव पाई गई हैं.
अभी हाल में केरल में मछलियों का टेस्ट कराया गया था जिनमें गंभीर स्तर पर केमिकल पाए गए थे. इसी को देखते हुए तमिलनाडु ने भी अपने यहां टेस्ट कराने का फैसला किया और फॉर्मलीन की मिलावट पकड़ी गई.