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जेएनयू: राष्ट्रवाद की खुराक के लिए अब कैंपस में एनसीसी ट्रेनिंग

सिंह ने कहा, इससे जेएनयू की छवि बदलेगी

FP Staff

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) जल्द ही अपने कैंपस में एक विशेष राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन सी सी) ट्रेनिंग शुरू करने जा रहा है, जो छात्रों के बीच राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक नई कोशिश है.

एनसीसी एक त्रि-सेवा संगठन है - जिसमें सेना, नौसेना और वायु सेना शामिल है- जो भारतीय युवाओं को अनुशासित और देशभक्ति की भावना रखने वाले नागरिकों को संवारने में लगे हुए हैं.


सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कहना है कि हमारा उद्देश्य छात्रों के बीच 'देशभक्तिपूर्ण प्रतिबद्धता' पैदा करना है और राष्ट्र निर्माण में भारत की रक्षा बलों के योगदान के बारे में जागरुकता फैलाना है.

जेएनयू कैंपस हमेशा ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ और प्रोटेस्ट का केंद्र में रहा है, साथ ही देश में बढ़ रही 'असहिष्णुता’ के विरोध में विपक्षी पार्टियों का साथ देने के लिए भी आगे रहा है.

डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार एनसीसी ट्रेनिंग बाकी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में मौजूद है जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय लेकिन जेएनयू में यह पहली बार लागू किया जा रहा है.

अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और रिसर्च के पुरुष और महिला छात्र इस ट्रेनिंग में हिस्सा लेंगे. इसमें आम तौर पर छोटे हथियारों और परेड में बेसिक सुरक्षा ट्रेनिंग दी जाएगी.

तीन सदस्यीय एनसीसी समिति के अध्यक्ष और सहायक प्रोफेसर बुद्धा सिंह ने कहा, ‘पोस्टग्रेजुएट छात्रों को ए-लेवल प्रशिक्षण दिया जाएगा, जबकि बी-स्तरीय प्रशिक्षण अंडरग्रेजुएट छात्रों के लिए होगा.’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हम एनसीसी के साथ पहले से बातचीत कर रहे हैं, जो तत्काल प्रभाव से हमारे परिसर में एक शाखा शुरू करना चाहते हैं. छात्रों ने एनसीसी में शामिल होने के आवेदनों के साथ आना शुरू कर दिया है.’

ऐसे आयोजनों से बदलेगी जेएनयू की छवि

जैसा कि इससे पहले रविवार को करगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जनरल वीके सिंह से गुजारिश की कि वे यूनिवर्सिटी को सेना का एक टैंक दिलवाने में मदद करें.

साथ ही जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों ने करगिल के शहीदों के परिजन और पूर्व सैनिकों के संगठन ‘वेटरंस इंडिया’ के सदस्यों के साथ 2200 फुट लंबा तिरंगा लेकर एक मार्च निकाला और जेएनयू के कन्वेंशन सेंटर, जहां परमवीर चक्र से सम्मानित जवानों की तस्वीरें लगाई गई थीं, में स्थित ‘वॉल ऑफ हीरोज’ पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

दक्षिणपंथी विचारक सिंह ने कहा, 'इससे जेएनयू की छवि बदलेगी जो पिछले 9 फरवरी (2016) के बाद बन गई थी जब परिसर में राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे. साथ ही टैंक जो छात्रों द्वारा एनसीसी प्रशिक्षण के दौरान भी इस्तेमाल किया जा सकता है.’