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इंटरनेशनल सोलर अलायंस का आगाज: पीएम मोदी बोले- सूर्य है विश्व की आत्मा

इस सोलर समिट में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका समेत 23 देशों के राष्ट्र अध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री समेत 121 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं

FP Staff

दिल्ली में रविवार को पहले इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) समिट की शुरूआत हुई है. राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित इस सम्मेलन का फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुअल मैक्रोन ने शुभारंभ किया.

इस समिट में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका समेत 23 देशों के राष्ट्र अध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री समेत 121 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.


दुनिया के सोलर एनर्जी सेक्टर में इसे भारत और फ्रांस की बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है.

इंटरनेशनल सोलर एलायंस समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत में वेदों ने हजारों साल पहले से सूर्य को विश्व की आत्मा माना है. भारत में सूर्य को पूरे जीवन का पोषक माना गया है. आज जब हम जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती से निपटने का रास्ता ढूंढ रहे हैं, तो हमें प्राचीन दर्शन के संतुलन और समग्र दृष्टिकोण की ओर देखना होगा.'

प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कहा कि इसके लिए तकनीक की उपलब्धता और विकास, आर्थिक संसाधन, कीमतों में कमी, भंडारण प्रौद्योगिकी का विकास, जन निर्माण और नवीनीकरण के लिए पूरा पारिस्थितिकी तंत्र जरुरी है. आगे का रास्ता क्या है, यह हम सबको सोचना है.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में हमने दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया है. हम 2022 तक इससे 175 गीगा वाट बिजली उत्पन्न करेंगे जिसमें से 100 गीगा वाट बिजली सौर से होगी.

121 संभावित देशों में से 61 देश इस अलायंस में शामिल हो चुके हैं, 32 ने भी फ्रेमवर्क समझौते को अनुमोदित कर दिया है

आईएसए समिट में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने, क्राउड फंडिंग और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, क्रेडिट मैकेनिज्म, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन, ग्रिड सोलर एनर्जी, वॉटर सप्लाई और सिंचाई जैसे मुद्दों पर तैयार प्रोजेक्ट्स पर चर्चा होगी. इसका मकसद अलायंस में शामिल सभी देशों को सस्ती, क्लीन और रिन्युएबल एनर्जी मुहैया कराना है. इसके अलावा ग्रीन, क्लीन और सतत ऊर्जा को सुनिश्चित करना है.

नवंबर 2015 में पीएम मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने पेरिस में इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) का गठन किया था. 2016 में ओलांद ने ही गुड़गांव में आईएसए के हेडक्वार्टर की नींव रखी थी.

बता दें कि चीन सबसे ज्यादा सोलर एनर्जी पैदा करता है. इसके बाद इस सूची में जापान, जर्मनी, यूएस और इटली का नंबर आता है.