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जब इंडिया गेट ही गंदा तो स्वच्छ कैसे बनेगा इंडिया?

केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्नथनम ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत इंडिया गेट मैदान पहुंचकर साफ-सफाई की और कूड़ा-कचरा बटोरा

Bhasha

केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोंस कन्नथनम ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत रविवार को इंडिया गेट मैदान पहुंचकर साफ-सफाई की. उन्होंने मैदान में बिखरे कूड़े, पानी की खाली बोतलों, पान मसाला पुड़िया, आइसक्रीम के खाली कप और सूखी पत्तियों को अपने हाथों से जमा किया.

उन्हें ऐसा करता देख मंत्रालय के अधिकारी और वहां मौजूद कार्यकर्ता हैरान रह गए. कन्नथनम ने इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने हाथ मिलाया और कई लोगों की पीठ थपथपाई. उन्होंने लोगों से अपने आसपास के स्थान को स्वच्छ और साफ-सुथरा रखने की अपील की.


अभियान के दौरान उन्होंने सड़क के किनारे खाद्य पदार्थ बेचने वाले वेंडरों से भी बातचीत की और उनसे कई सवाल पूछे. पर्यटन मंत्री ने उन्हें समझाया कि वो अपने खरीदारों को गंदे प्लेट और टिशू को पास रखी डस्टबीन में फेंकने को कहें. भारत को स्वच्छ बनाने में हमारी मदद करें.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्नथनम

कन्नथनम ने कहा कि इंडिया गेट जैसी जगह पर हर दिन साफ-सफाई होती है. उन्होंने स्वच्छता के प्रति सुधार लाने की जरूरत पर बल दिया.

इंडिया गेट उन 15 पर्यटन स्थलों में से एक है जिनका चयन पर्यटन मंत्रालय ने किया है. इन स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा. 14 दिन के ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के दौरान नामी-गिरामी हस्तियों को शामिल कर इसे प्रचारित किया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘स्वच्छता कार्यक्रम देश भर में चल रहा है. संदेश यह है कि हमें भारत को स्वच्छ रखना है. न सिर्फ सरकारी कर्मचारी बल्कि देश का हर नागरिक इसमें हिस्सा लेगा. इसे हर दिन का अभियान बनाना होगा ना कि कैमरे के लिये साल में सिर्फ एक बार का अभियान.’

पर्यटन मंत्रालय द्वारा जिन स्थानों पर स्वच्छता और जागरुकता संबंधी गतिविधियां चलाई जाएंगी उनमें उत्तराखंड में ऋषिकेश घाट, मुंबई में जुहू बीच, कोलकाता का दक्षिणेश्वर मंदिर और बेलूर मठ, केरल में कोवलम तट और गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर को शामिल किया गया है.