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CM त्रिवेंद्र रावत की सभा में महिला टीचर का 'अपमान', टीचर ने भी खरी-खोटी सुनाई

महिला शिक्षिका ने कहा, मैं भ्रष्टाचार से परेशान आ चुकी हूं. कोई भी अधिकारी मेरी नहीं सुन रहा. इस कारण मैं सीएम के जनता दरबार में इस तरह बोली

FP Staff

जनता दरबार में सीएम त्रिवेंद्र रावत ने जिस महिला शिक्षक को सस्पेंड किया, उसने अपनी आपबीती सुनाई है. उसने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि जब एक भरी सभा में राज्य के मुख्यमंत्री एक महिला को 'इसे' कहकर बुला सकते हैं तो मैं उसका जवाव क्यों नहीं दे सकती.

महिला ने आरोप लगाते हुए कहा, मैं अपना काम ईमानदारी के साथ अनुशासन में रहकर कर रही थी. मैं भ्रष्टाचार से परेशान आ चुकी थी. कोई भी अधिकारी मेरी नहीं सुन रहा था. इस कारण से मैं सीएम के जनता दरबार में इस तरह से बोली.

उत्तरा पंत बहुगुणा ने वीडियो में रावत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार सबसे भ्रष्ट सरकार है. इस सरकार में जो भी व्यक्ति ईमानदारी से काम करता है सिर्फ उसके ऊपर ही गाज गिरती है. वो कहती हैं कि अधिकारी 'चोर' हैं और इसलिए उन्होंने जनता दरबार में अधिकारियों को चोर कहा था.

मालूम हो कि एक महिला शिक्षिका उत्तरा पंत पिछले 20 साल से उत्तरकाशी के एक प्राइमरी स्कूल में तैनात हैं और लंबे समय से अपने ट्रांसफर की मांग कर रही हैं लेकिन अब तक उनका ट्रांसफर नहीं हुआ. इस पर गुस्सा होकर महिला शिक्षिका ने अपना सारा गुस्सा सीएम रावत और जनता दरबार में मौजूद अधिकारियों पर निकाल दिया.

वहां मौजूद अधिकारी कुछ समझ पाते इससे पहले ही महिला ने सीएम रावत को खूब खरी-खोटी सुना दी. महिला के अचानक शोर मचाने से वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया. महिला के अनुसार वह एक विधवा है और उसके बच्चे देहरादून में रहते हैं. वह पिछले 20 साल से एक ही स्कूल में पढ़ा रही हैं और कई दिनों से अपने ट्रांसफर के लिए अफसरों के ऑफिसों के चक्कर काट रही हैं लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा है.

इसके बाद वहां मौजूद सीएम ने महिला को पुलिस अधिकारियों से महिला को गिरफ्तार करने और शिक्षा विभाग को महिला को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया था. जिसके बाद राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत महिला के समर्थन में उतर आए थे.