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'सामना' के निशाने पर शिवराज, कहा- पहले गोली, फिर उपवास से निकलेगा हल?

शिवसेना ने कहा, 'क्या गांधी की विचारधारा पर तल रहे शिवराज किसानों की परेशानी दूर कर देंगे?'

FP Staff

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस पर किसानों की कर्जमाफी को लेकर निशाना साधने के बाद शिवसेना के मुखपत्र सामना में अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी संपादकीय छप गया है.

सामना के संपादकीय, जिसका शीर्षक है, 'पहले गोली, फिर उपवास' में मंदसौर हिंसा को लेकर लिखा गया है, 'शिवराज सिंह चौहान महात्मा गांधी के कदमों पर चल रहे हैं. शिवराज जी को बेकार सीएम के तौर पर देखा गया था. किसानों, गरीबों और महिलाओं के लिए कई नीतियां लाने के बावजूद अब किसान आंदोलन कर रहे हैं और 5 की जान चली गई है.'


संपादकीय में पिछले दिनों की एक घटना को याद करते हुए बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा है, 'हाल ही में बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आंदोलन करने के बजाय लोगों की समस्याएं हल करने की सलाह दी थी. तो अब क्या? क्या शिवराज सिंह चौहान पर ये बातें लागू नहीं होतीं, जो महात्मा गांधी की तरह व्रत-उपवास रख रहे हैं? '

संपादकीय ने आगे लिखा है, 'क्या सबकी समस्याओं का हल गांधी की विचारधारा पर चलकर निकल सकता है? जबकि पहले ये गोलियां चलाते हैं फिर उपवास पर बैठ जाते हैं. '

हालांकि, शिवसेना ने संपादकीय में ये भी जोड़ा कि शिवराज सिंह ने न ही किसानों के आंदोलन की उपेक्षा की, न ही आंदोलन को असामाजिक या साजिश बताकर राजनीति करने की कोशिश नहीं की.

सीएम शिवराज सिंह ने मंदसौर में किसानों के आंदोलन के बाद राज्य में शांति की इच्छा से दो दिनों तक उपवास रखा था.

वहीं, महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी इस मुद्दे पर लगातार प्रतिक्रिया कर रही है. सोमवार को पार्टी ने फडणवीस सरकार के किसानों के कर्जमाफी के फैसले की सराहना की है. रविवार को ही महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी.

लेकिन शिवसेना तारीफ करने के बाद भी मामले में कड़ा रुख अपनाए हुए है. शिवसेना के प्रवक्ता नांदुरबार में किसान आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे. उन्होंने यहां कहा,'अगर पीएम मोदी अपने कोट पहनते हैं, उन्हें बेच दें, तो किसानों का कर्जा चुकाया जा सकता है.'