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आधार से प्रॉपर्टी रिकॉर्ड्स लिंक करने की खबर निकली फर्जी

प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड्स को आधार से लिंक कराने की बात पूरी तरह गलत निकली

FP Staff

बेनामी संपत्ति को आधार से लिंक करने की एक खबर न्यूज वेबसाइट्स पर इतनी तेजी से आगे बढ़ी कि इस पर सफाई देने के लिए खुद सरकार को आगे आना पड़ा. खबर यह थी कि सरकार ने 1950 के बाद सभी प्रॉपर्टी रिकॉर्ड्स को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है.

खबर में कहा गया कि इसके लिए समय सीमा 14 अगस्त तय की गई है. इतना ही नहीं इस खबर के साथ सरकार की तरफ से जारी पत्र भी खूब शेयर हो रहा था.


यह पत्र बाकायदा कैबिनेट सेक्रेटेरिएट की तरफ से भेजा गया था. इसमें कहा गया था कि डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) के तहत सरकार ने प्रॉपर्टी रिकॉर्ड्स को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है.

सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस खबर और झूठे लेटर को गंभीरता से लिया है और मामले की जांच की जा रही है.

ये होता तो क्या होता?

अगर यह खबर सही होती तो रियल एस्टेट में काला धन खपाने की हरकतों पर काफी हद तक लगाम लगाया जा सकता है. ऐसा नहीं होता कि इससे बेनामी संपत्ति का नामोनिशान मिट जाता लेकिन बड़े पैमाने पर रोक जरूर मुमकिन होता.