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बेटी का जबरन गर्भपात और अपहरण मामला: SGPC की पूर्व प्रमुख और अकाली दल नेता जागीर कौर बरी

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अकाली नेता बीबी जागीर कौर को अपनी बेटी के जबर्दस्ती गर्भपात और अपहरण के मामले में मंगलवार को बरी कर दिया गया

Bhasha

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अकाली नेता बीबी जागीर कौर को अपनी बेटी के जबर्दस्ती गर्भपात और अपहरण के मामले में मंगलवार को बरी कर दिया गया. कौर की बेटी अप्रैल 2000 में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई थी. न्यायमूर्ति ए बी चौधरी और न्यायमूर्ति कुलदीप सिंह की एक खंडपीठ ने 2012 में दिए पटियाला सीबीआई विशेष अदालत के फैसले को खारिज करते हुए अन्य तीन आरोपियों को भी बरी कर दिया.

पटियाला की विशेष सीबीआई अदालत ने शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की पूर्व अध्यक्ष कौर और अन्य आरोपियों को इस मामले में पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई थी. बचाव पक्ष के वकील विनोद घई ने कहा, 'अदालत ने इस मामले में बीबी जागीर कौर और अन्य तीन आरोपियों को बरी कर दिया है.' उच्च न्यायालय ने सीबीआई और कौर की बेटी हरप्रीत का पति होने का दावा करने वाले शिकायतकर्ता कमलजीत सिंह की अपील को भी खारिज कर दिया. यह अपील पटियाला सीबीआई अदालत के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई थी जिसमें हत्या के आरोप में कौर और अन्य को बरी कर दिया गया था.


पीठ ने 2012 में दिए पटियाला सीबीआई अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें हरप्रीत कौर के अपहरण और जबरन गर्भपात के लिए कौर और अन्य को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी और उन पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा,'अभियोजन पक्ष सभी आरोपी लोगों के खिलाफ अपने मामले को साबित करने में पूरी तरह से विफल रहा है. निर्णय अवैध है और इसे खारिज किया जाना चाहिए जो हमने किया हैं.'

वर्ष 2000 में हरप्रीत की मौत के बाद कमलजीत सिंह के अदालत का रूख करने के बाद हाईकोर्ट के निर्देशों पर सीबीआई ने मामले की जांच की थी. अन्य तीन आरोपियों में दलविंदर कौर, परमजीत सिंह रायपुर और निशान सिंह शामिल हैं. एजेंसी ने दावा किया था कि मार्च 2000 में हरप्रीत की इच्छा के विपरीत उसका गर्भपात कराया गया था. इससे पूर्व घर में बंधक बना कर रखा गया था.