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24 साल बाद पूर्व इसरो वैज्ञानिक हुए बरी, 50 लाख रुपए का मिला मुआवजा

इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन को 30 नवंबर 1994 को जासूसी के आरोपों के चलते गिरफ्तार कर लिया गया था

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस द्वारा अनावश्यक रूप से गिरफ्तार करने और उत्पीड़न करने के लिए पूर्व इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन को शुक्रवार को 50 लाख रुपए मुआवजे को तौर पर दिए.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस डीके जैन के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था जो नंबी नारायणन द्वारा की गई शिकायत की जांच कर रही थी. नारायणन ने कुछ पुलिस अफसरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह लोग उन्हें बेवजह किसी मामले में फंसा रहे थे.


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के साथ जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जुलाई में ही इस आदेश को सुरक्षित कर लिया था. यह तब हुआ था जब सीबीआई इस मामले में अदालत की जांच के लिए तैयार हो गई थी. गौरतलब है कि इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन को 30 नवंबर 1994 को जासूसी के आरोपों के चलते गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में दोष साबित न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया.

वहीं नारायणन केरल हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध एपेक्स कोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई थी कि पूर्व डीजीपी सीबी मैथ्यूस और पूर्व एसपी केके जोसुआ और एस विजयन ऐसे ऑफिसर थे जो इस मामले से जुड़े हुए थे और

बेवजह उन्हें फंसा रहे थे. नारायणन ने कहा कि इन सभी ऑफिसरों के खिलाफ जांच के दौरान कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. ये सभी लोग फिलहाल रिटायर हो चुके हैं लेकिन नारायणन चाहते हैं कि इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.