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अमरोहा में किसानों ने लगाया बोर्ड- बीजेपी नेता अपनी रक्षा स्वयं करें

इसके पहले, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम में संशोधन के खिलाफ सवर्णों द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान बरबंकी जिले में इस तरह की होर्डिंग्स लगाई गई थी

FP Staff

यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस द्वारा किसानों पर हाल ही में लाठी चार्ज से किसानों में गुस्सा है. अमरोहा जिले के रसूलपुर मफी गांव के किसानों में तो इतना गुस्सा है कि उन्होंने गांव के बाहर एक बोर्ड लगा दिया है जिसमें भाजपा सदस्यों को ये चेतावनी दी गई है कि वो गांव में अपने रिस्क पर प्रवेश करें. इस बोर्ड की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही हैं.

बोर्ड पर लिखा है 'किसान एकता जिंदाबाद. बीजेपी वालों का इस गांव में आना सख्त मना है. जान माल की रक्षा स्वयं करें. किसान एकता जिंदाबाद'. इन गांव वालों को देखकर अब आस-पास के क्षेत्र के किसान भी दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करते समय पुलिस द्वारा किसानों की पिटाई के विरोध में किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इसी तरह का बोर्ड अपने इलाके में लगाने की योजना बना रहे हैं.


दूसरे गांव भी लगाएंगे बोर्ड:

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के सदस्य विजय मोहन गुप्ता ने कहा, 'मैंने इस बोर्ड को देखा. और मैं सच में खुश हूं कि इस गांव के लोग केंद्र सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ किए गए अत्याचारों का विरोध करने के लिए एक साथ आगे आए हैं.'

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह भी अपने गांव में इसी तरह का एक बोर्ड लगाएंगे और विरोध दर्ज कराएंगे.

इसके पहले, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम में संशोधन के खिलाफ सवर्णों द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान बरबंकी जिले में इस तरह की होर्डिंग्स लगाई गई थी. इस क्षेत्र में सवर्ण समूहों के सदस्यों ने गांव में पोस्टर लगाए थे जिसमें मंत्रियों से गांव नहीं आने और वोट नहीं मांगने के लिए कहा गया था. पोस्टर में लिखा था, 'अगर इस गांव में कुछ भी अवांछित होता है, तो वे स्वयं इसके लिए ज़िम्मेदार होंगे.'