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एलफिंस्टन हादसा: क्या 'फूल' और 'पुल' के भ्रम में 22 लोगों ने गंवाई जान?

एक सरवाइर ने बताया कि भगदड़ एक फूलवाले के 'फूल गिर गया' चिल्लाने से मची थी, क्योंकि लोगों ने इस बात को 'पुल गिर गया' समझ लिया था.

FP Staff

पिछले शुक्रवार को मुंबई के एलफिंस्टन रेलवे ब्रिज पर हुए हादसे की जांच के दौरान हैरान करने वाली बात निकलकर सामने आई है. हादसे की सरवाइवर 19 साल की शिल्पा विश्वकर्मा ने जांच कमेटी को अपना बयान दर्ज कराया है. शिल्पा का कहना है कि भगदड़ का कारण फूल और पुल के बीच कंफ्यूजन था.

सोमवार को पश्चिमी रेलवे जांच कमेटी ने जांच शुरू की है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस जांच में सामने आए इस एंगल पर खबर छापी है. रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को शिल्पा विश्वकर्मा ने बताया कि भगदड़ एक फूलवाले के 'फूल गिर गया' चिल्लाने से मची थी, क्योंकि लोगों ने इस बात को 'पुल गिर गया' समझ लिया और इधर-उधर भागने लगे. पुल और फूल दोनों के लिए हिंदी और मराठी भाषाओं में इसी शब्द का इस्तेमाल करते हैं.


'फूल गिर गया'

शिल्पा ने बताया कि 'मैं शुक्रवार को एलफिन्सटन रेलवे ब्रिज को क्रॉस करने के लिए सीढ़ियां चढ़ रही थी, मुझे विले पार्ले के लिए ट्रेन लेनी थी. लेकिन तभी एक फूलवाला सीढ़ियों पर फिसल गया और चिल्लाया, 'फूल गिर गया', जिसे लोगों ने 'पुल गिर गया' समझ लिया.'

शिल्पा ने बताया, 'मैं सीढ़ियों पर थीं, ऊपर और नीचे दोनों तरफ से भीड़ का प्रेशर था. लोग बारिश की वजह से बाहर नहीं निकलना चाहते थे. जब भगदड़ मची, तो मैं गिर गई. एक शख्स ने मुझे बचाया. मुझे हाथ, पैर, पीठ और पेट में चोट लगी थी, लेकिन उस शख्स की मौत हो गई.'

इस बयान को मिली है सहमति

शिल्पा विश्वकर्मा को कुछ स्थानीय लोगों ने केईएम अस्पताल पहुंचाया था, जहां से उन्हें शाम को छुट्टी मिल गई. रिपोर्ट की मानें तो, 4 अन्य चश्मदीदों ने भी शिल्पा के इस बयान से सहमति जताई है.

बात थोड़ी अजीब है और विश्वास करने में थोड़ी मुश्किल भी. लेकिन अगर सच है तो क्या बस फूल और पुल के कंफ्यूजन में 22 लोगों ने अपनी जान गंवा दी?

पश्चिमी रेलवे ने तीन सदस्यों की एक जांच कमेटी गठित की है. इस कमेटी ने सोमवार से अपनी जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही दादर पुलिस भी मामले की जांच कर रही है.