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ईवीएम हैक चुनौती: सीपीएम और एनसीपी ने किया इंकार, कहा नहीं किया चैलेंज स्वीकार

दोनों पार्टियों को चार-चार ईवीएम दी गईं जो दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड से लाई गईं हैं

Bhasha

चुनाव आयोग ने मंगलवार को ईवीएम को हैक करने की चुनौती का आयोजन किया, जो मशीन में विभिन्न सुरक्षा जांचों के विस्तृत प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ.

चार घंटे की चुनौती सुबह 10 बजे शुरू हुई और एनसीपी और सीपीएम ही इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं. उन्हें तीन घंटे बाद भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक करने में अभी अपने हाथ अजमाने हैं.


दोनों ही पार्टियों को चार-चार मशीनें मुहैया कराई गईं. दो घंटे बाद सीपीएम और एनसीपी ने साफ किया कि वे केवल प्रक्रिया को समझने आए थे. उन्होंने चुनाव आयोग की चुनौती स्वीकार नहीं की थी. चुनाव आयोग ने भी कहा कि राजनीतिक दलों ने ईवीएम को लेकर दी गई चुनौती को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.

आम आदमी पार्टी ने भी मशीनों से छोड़छाड़ का आरोप लगाया था

सीपीएम के प्रतिनिधिमंडल ने मशीन में लगे विभिन्न सुरक्षा जांचों पर दिए गए प्रदर्शन को देखा जबकि एनसीपी की टीम ने आयोग की तकनीकी समिति के विशेषज्ञों से बातचीत की.

दोनों पार्टियों को चार-चार ईवीएम दी गईं हैं जो दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड से लाई गईं हैं जहां उन्हें हाल में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान लगाया गया था.

कई प्रमुख विपक्षी पार्टियों द्वारा दावा किया गया था कि ईवीएम में छेड़छाड़ के कारण लोगों का इनमें से विश्वास उठ चुका है जिसके बाद इस चुनौती का आयोजन किया गया. हालांकि आयोग इस बात अडिग रहा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.

बसपा और आप ने आरोप लगाया था कि हाल के विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गईं मशीनों के साथ छेड़छाड़ की गई थी जिसके बाद मशीनों ने बीजेपी के पक्ष में परिणाम दिए. बाद में, कई अन्य पार्टियां इसमें शामिल हो गई और उन्होंने मांग की कि आयोग फिर से मतपत्रों से मतदान कराए.