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आचार संहिता लागू होने से शासन नहीं रुकता: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने विधि आयोग से कहा, 'यह (आचार संहिता) केवल उस अवधि के दौरान सरकारों को नई परियोजनाएं और योजनाएं घोषित करने से रोकता है'

Bhasha

चुनाव आयोग ने इस तर्क को खारिज कर दिया है कि चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने से शासन रुक जाता है. आयोग ने कहा कि यह केवल उस अवधि के दौरान सरकारों को नई परियोजनाएं और योजनाएं घोषित करने से रोकता है.

चुनाव आयोग ने विधि आयोग को बताया कि जब भी सरकारी विभाग चुनाव के समय प्रस्ताव और योजनाओं को हरी झंडी को लेकर उससे संपर्क करते हैं, वो उससे जुड़ी तात्कालिता को समझते हुए फौरन निर्णय करता है.


आचार संहिता का मुद्दा विस्तृत चर्चा के लिए बीते 16 मई को आयोजित चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों और विधि आयोग के बीच हुई एक बैठक के दौरान आया था. यह बैठक लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की संभावना के बारे में चर्चा करने के लिए हुई थी.

इसमें हुई चर्चा के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि विधि आयोग के सदस्यों ने आयोग से इस तर्क के बारे में पूछा कि चुनाव आचार संहिता से शासन रूक जाता है. मगर चुनाव आयोग ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.

आयोग का विचार था कि आचार संहिता से शासन नहीं रुकता. उसने कहा कि आचार संहिता केवल नई योजनाओं की घोषणा और उन्हें शुरू करने पर रोक लगाता है ताकि सत्ताधारी पार्टी से मतदाता प्रभावित नहीं हों.