एयरसेल-मैक्सिस धन शोधन मामले में दिल्ली की एक कोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका का ईडी ने बुधवार को विरोध किया और उनसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की.
चिदंबरम द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर अपने जवाब में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उनका रवैया टालमटोल वाला रहा है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. चिदंबरम की याचिका पर स्पेशल जस्टिस ओ.पी सैनी की कोर्ट में बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी.
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एयरसेल-मैक्सिस मामले में कोर्ट ने आठ अक्टूबर को चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती को राहत देते हुए गिरफ्तारी से एक नवंबर तक अंतरिम संरक्षण दिया था.
चिदंबरम ने निदेशालय के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए इस साल 30 मई को कोर्ट में याचिका दायर कर संरक्षण की मांग की थी जिसमें उन्हें समय-समय पर राहत मिलती रही है.
चिदंबरम पर एफडीआई के लिए नियमों की अनदेखी कर एयरसेल-मैक्सिस कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप है. 5 जून 2018 को पी चिंदबरम ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए प्रस्तुत हुए थे.
एयरसेल-मैक्सिस डील में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को दी गई गिरफ्तारी से राहत के खिलाफ भी ईडी ने याचिका दाखिल की थी. हालांकि इस पर सुनवाई के लिए 1 नवंबर 2018 की तारीख तय की गई थी.
ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट से आग्रह किया था कि पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से दी गई राहत को रद्द कर दिया जाए. कोर्ट ने इससे पहले दोनों की गिरफ्तारी पर 8 अक्टूबर तक के लिए रोक लगाई थी, जिसके बाद सुनवाई 1 नवंबर तक टल गई थी तो दोनों को गिरफ्तारी से भी 1 नवंबर तक के लिए राहत मिल गई थी.
सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को FIR दर्ज कर आरोप लगाया था कि 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपए के विदेशी फंड लेने की एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित रूप से अनियमिताएं हुईं. उस वक्त चिदंबरम केंद्रीय मंत्री थे. सीबीआई और ईडी ने इस मामले में पी. चिदबंरम के बेटे कार्ति से भी पूछताछ की थी.