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मीसा भारती: ईडी से मिली जानकारी, कैसे सफेद हुआ 8000 करोड़ का कालाधन

यह मामला करीब 8000 करोड़ रुपए की मनी लॉड्रिंग के आरोप से जुड़ा है

FP Staff

लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों के घरों और ठिकानों पर सीबीआई के छापे के एक दिन बाद बेटी मीसा भारती के घर पर शनिवार को ईडी ने छापेमारी की. ईडी की टीमों ने दिल्ली में घिटोरनी, बिजवासन और सैनिक फार्म्स के फार्महाउसों में छापेमारी की. कहा जा रहा है कि ये फार्महाउस भारती, उनके पति शैलेश और उनकी कंपनी मेमर्स मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम हैं.

यह मामला मनी लॉड्रिंग के आरोप से जुड़ा है. मामले में प्रवर्तन निदेशालय पहले ही सीए राजेश अग्रवाल और एक मुखौटा कंपनी के मालिक जैन बंधुओं को गिरफ्तार कर चुकी है. आरोप है कि सुरेंद्र और वीरेंद्र जैन ने कई फर्जी कंपनियों के जरिए धनशोधन का काम किया.


सीए राजेश अग्रवाल से पूछताछ और जांच में सामने आया कि जैन बंधुओं की कंपनी का मिशैल पैकर्स से साथ संदिग्ध लेनदेन था.

इंडियन एक्सप्रेस ने ईडी सूत्रों के हवाले से कहा कि इस लेनदेन से आए पैसे का इस्तेमाल इन फार्महाउस की खरीद में हो सकता है.

शालिनी होल्डिंग नाम की एक कंपनी ने 2008 में 100 रुपए की दर से मिशैल पैकर्स के 30000 शेयर्स खरीदे. बाद में यह शेयर 10 रुपए की दर से वापस बेच दिए गए.

बाद में जांच में पता चला कि 2007-08 के दौरान मिशैल के 1,20,000 शेयर 100 रुपए की दर से खरीदे गए. यह चार शेल कंपनियों — शालिनी होल्डिंग्स लिमिटेड, ऐड-फिन कैपिटल सर्विसेज, मणि माला दिल्ली प्रॉपर्टीज और डायमंड विनिमय प्राइवेट लिमिटेड के जरिए किया गया. बाद में ये शेयर 10 रुपए की दर से वापस बेच दिए गए. मतलब कि करीब 8000 करोड़ की मनी लॉड्रिंग की गई.

बताया जाता है कि इस गोरखधंधे के लिए जैन बंधु पहले कैश लेते थे. फिर शेल (मुखौटा) कंपनियां बनाकर शेयर की खरीद करते थे. बाद में शेयर सस्ते दाम पर वापस बेच दिए जाते थे.

मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स को 2002 में रजिस्टर कराया गया. मीसा के पति शैलेश कुमार इसके निदेशक थे.