उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इको टूरिज्म से न सिर्फ पर्यावरण का संरक्षण करने में मदद मिलती है बल्कि इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होते हैं.
मुख्यमंत्री ने दुधवा नेशनल पार्क में अंतर्राष्ट्रीय पक्षी महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश में 38 ऐसे स्थान हैं जिन्हें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत इको टूरिज्म केंद्रों के रूप में विकसित किया जा सकता है. इको टूरिज्म से न सिर्फ पर्यावरण को बचाया जा सकता है बल्कि इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं.
योगी ने इको टूरिज्म के विकास के लिए आम लोगों की भागीदारी और सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि अगर आम लोगों और इको टूरिज्म के बीच संपर्क नहीं होगा तो इससे जगह-जगह पर वीरप्पन पैदा हो जाएंगे और न जंगल बचेंगे और न ही जानवर.
योगी ने इस बात पर निराशा जाहिर की कि दुधवा अभयारण्य को कभी उतना बढ़ावा नहीं दिया गया जितना देना चाहिए था. मुख्यमंत्री ने लोगों का आह्वान किया कि वे कुदरत के साथ करीबी संबंध बनाएं ताकि एक खुश और तनाव मुक्त जिंदगी जी सकें. उन्होंने कहा कि जहां उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से जानलेवा स्मॉग से घिरे थे. वही पीलीभीत इससे मुक्त था.
मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनजातियों के उत्थान का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 23 गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया है, ताकि वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके.
योगी ने कहा कि दुधवा में थारू जनजाति बहुल गांव में विद्युतीकरण किया जाएगा और स्कूल खोले जाएंगे. इसके अलावा थारू महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनके हस्तशिल्प उत्पादों को 'वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट' योजना के तहत लाया जाएगा जिससे न सिर्फ उनके उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि उन्हें बेहतर बाजार भी मुहैया हो सकेगा.