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इस एक्सप्रेस-वे पर आएगा लंदन के सफर का आनंद, पीएम करेंगे उद्घाटन

ये एक्सप्रेस वे काफी हाई-टेक होगा. रोशनी के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं. 500 दिन में बनकर तैयार हुए इस एक्सप्रेस वे पर 120kmph की स्पीड से यात्रा की जा सकती है

FP Staff

भारत में भी अब लंदन के सफर का आनंद मिल सकेगा. आप सोच रहे होंगे कैसे? दिल्ली के बाहर बने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर आपको यह आनंद मिलेगा. पीएम नरेंद्र मोदी 27 मई को इस एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे. यह देश का पहला हाई-टेक एक्सप्रेस-वे होगा जो प्रदूषण से घुटती दिल्ली के लिए एक तरह से संजीवनी साबित होगा.

हाईटेक टेक्नोलाजी से परिपूर्ण


लंदन की तर्ज पर बने इस एक्सप्रेस वे पर टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया गया है. STM, VMS, CCTV कैमरा, लर्निंग अलार्म जैसी टेक्नोलॉजी यहां पर लगाई गई है. इसके साथ ही 6 बड़े ब्रिज, चार छोटे ब्रिज, रेलवे ओवरब्रिज, 55 अंडरपास और 7 इंटरचेंज बनाए गए हैं. ब्रिज इंजीनियर देवेंद्र द्विवेदी ने बताया कि आर्ट गैलरी बनाई गई है जिसमें 35 प्रोजेक्टर लगाए गए हैं. इन प्रोजेक्ट के जरिए दिल्ली के बेतरीन दृश्यों को दिखाया जाएगा ताकि एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वाले यात्री सफर को और भी ज्यादा यादगार बना सके और दिल्ली से पूरी तरीके से रूबरू हो सकें. एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए कैंटीन रेस्ट रूम और पेट्रोल पंप वॉशरूम की सुविधा भी दी गई है ताकि सफर के दौरान किसी तरीके की परेशानी का सामना यात्रियों को ना करना पड़े.

सोलर ऊर्जा और हरियाली का पूरा रखा गया है ध्यान

एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ जहां तक नजर दौड़ाएंगे वहां तक हरे-भरे पेड़ देखने के लिए मिलेंगे मतलब ये कहा जा सकता है कि एक्सप्रेस-वे पर सफर के दौरान हरियाली का पूरा मजा मिलेगा करीबन सवा दो लाख पौधे एक्सप्रेस वे पर लगाए गए हैं. हर इंटरचेंज पर रंग-बिरंगे फूल और सुंदर-सुंदर पेड़ पौधे लगाए गए हैं ताकि सफर करने के दौरान आंखों को सुकून मिले और शुद्ध हवा का भी मजा यात्री ले सके. इको फ्रेंडली तरीके से बनाए गए इस एक्सप्रेस वे पर सोलर सिस्टम लगाए गए हैं. हर 500 मीटर की दूरी पर सोलर सिस्टम लगाए गए हैं ताकि रोशनी के लिए सोलर ऊर्जा का प्रयोग किया जा सके. पूरे एक्सप्रेस वे की लाइटें सोलर प्लांट से चलेंगी. दिन भर जो पॉवर जेनेरेट होगी उसे लोकल ग्रिड में भेजा जाएगा और शाम को पावर की ज़रूरत पड़ने पर उनसे लिया जाएगा.

कम समय में तय होगा लंबा सफर

आपको बता दें कि ईस्टर्न पेरिफरल एक्सप्रेसवे के शुरू होने से इस रूट पर बसे इलाकों की दूरियां कम हो जाएंगी. इसके साथ ही दिल्ली को जाम और प्रदूषण से भी निजात मिलेगी. बता दें कि कुंडली से पलवल तक आप ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के जरिए मात्र 70 मिनट में पहुंच जाएंगे. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर 7 इंटरचेंज मौजूद हैं जिससे अब आप एक से दूसरे शहर तक आसानी से जा सकेंगे.

दिल्ली के प्रदूषण स्तर को करेगा कम

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के शुरू हो जाने से दिल्ली में भारी वाहन प्रवेश नहीं कर पाएंगे इससे दिल्ली की आबोहवा में जहर कम होगा. इससे दिल्ली का ट्रैफिक तो घटेगा ही प्रदूषण का स्तर भी कम होगा. 40 फ़ीसदी भारी वाहन घटने से दिल्ली की आबोहवा साफ होगी. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल और गुजरात से आने वाले व्यवसाय व निजी वाहन एक्सप्रेस-वे से दिल्ली के बाहर अपने गंतव्य तक जा सकेंगे. इससे यातायात में भी काफी सुगमता आएगी और ध्वनि प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी.

500 दिन में बनकर तैयार हुआ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे

देश में पहली बार एक एक्सप्रेस-वे दूसरे एक्सप्रेसवे को क्रॉस कर रहा है. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे महज़ 500 दिनों में बनकर तैयार हुआ है, शेड्यूल से 410 दिन पहले. 11 हज़ार की कीमत से बने इस एक्सप्रेस वे की लंबाई 135 किलोमीटर है.

तेज रफ्तार का भर सकेंगे फर्राटा

इस एक्सप्रेस-वे पर 120 kmph की स्पीड से चल सकते हैं. हिंदुस्तान में और कहीं भी इस स्पीड पर चलने पर चालान होना तय है लेकिन, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर ये स्पीड लिमिट के अंदर है.

ऐतिहासिक धरोहरों की रिप्लिका

इस एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह पर ऐतिहासिक धरोहरों की रिप्लिका लगी हैं. इनमें सबसे ख़ास है गुजरात कारविंग. पीएम मोदी की पसंद है गुजरात कारविंग और कई बार इसकी रेप्लिका उनकी दीवारों पर या किसी को तोहफे में देते हुए देखा गया है. क़ुतुब मीनार और कई धरोहरों की रेप्लिका भी है.

लाइटिंग और फव्वारे का भी मिलेगा मजा

NH 91, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से मिलता है. दोनों तरफ़ लूप और रैंप्स बनाकर इनको जोड़ा गया है.

बीच की जगह पर फ़व्वारे और ग्रीन एरिया छोड़ा गया है. फ़व्वारों में शाम को लाइटिंग का भी बंदोबस्त है.

(न्यूज़18 के लिए रचना उपाध्याय की रिपोर्ट)