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मेरा गला काट लो लेकिन मुझे मत बताओ क्या करना है: ममता बनर्जी

हाईकोर्ट के फैसले के बाद ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं पश्चिम बंगाल में दंगे या यहां की सभ्यता, परंपरा और शांति में दखल को बर्दाश्त नहीं करूंगी'

FP Staff

दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन और मोहर्रम के जुलूस का समय तय करने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विरोधियों के निशाने पर आ गई. मामले को लेकर विरोधियों ने ममता पर निशाना साधा, तो उन्होंने भी इसका जवाब दिया. हाईकोर्ट के फैसले पर ममता बनर्जी ने कहा, 'कोई मेरा गला काट सकता है, लेकिन मुझे ये नहीं बता सकता कि क्या करना है.'

ममता ने कहा, 'मैं जब दुर्गा पूजा या गणेश उत्सव का शुभारंभ करती हूं, तो तुष्टिकरण का आरोप नहीं लगता, लेकिन ईद की नमाज अदा कर लूं, तो विरोधी ऐसा आरोप लगाने लगते हैं.'


'आखिरी दम तक तुष्टिकरण का करूंगी समर्थन'

उन्होंने कहा कि वे इसे तुष्टिकरण का नाम देते हैं. अगर ये तुष्टिकरण है तो मैं जब तक जीवित हूं, ऐसा करती रहूंगी. अगर कोई मेरी कनपटी पर बंदूक भी रख दे, तब भी मैं यही करूंगी. मैं किसी से भेदभाव नहीं करती. ये बंगाल की संस्कृति है, ये मेरी संस्कृति है.'

हाईकोर्ट ने दिया ममता को झटका

गुरुवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने ममता सरकार के खिलाफ एक बड़ा फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने कहा, मूर्ति विसर्जन प्रतिदिन होगा. विसर्जन के लिए लिए कोई एक दिन तय नहीं किया जाएगा. मूर्ति विसर्जन रात 12 बजे तक किया जा सकता है. पुलिस सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम करे.

सरकार की दलील नहीं मानी

ममता सरकार की दलील थी कि एक ही दिन मोहर्रम और विसर्जन कराए जाने से कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है. हाईकोर्ट ने ये दलील नहीं मानी. अलबत्ता कोर्ट ने ये जरूर कहा कि सरकार मोहर्रम और दुर्गा विसर्जन के अलग रुट तय करे. हालांकि हाईकोर्ट ने अभी विसर्जन पर सरकार के नोटिफिकेशन को रद नहीं किया है. बल्कि राज्य सरकार के नोटिफिकेशन की भर्त्सना जरूर की है.

एक अक्टूबर को विसर्जन पर थी रोक

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह लोगों को समुदाय और धर्म के आधार पर नहीं बांटे. गौरतलब है कि ममता सरकार ने दुर्गा विसर्जन को 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच करने पर पाबंदी लगा दी थी, क्योंकि एक अक्टूबर को मोहर्रम है. राज्य सरकार ने दो अक्टूबर को विसर्जन करने के लिए कहा था.

अदालत गए थे हिंदू संगठन

गौरतलब है कि ममता सरकार के इस फैसले के खिलाफ हिंदू संगठन अदालत में चले गए थे. हाईकोर्ट ने ममता सरकार को निर्देश दिया है कि वो इसका रास्ता निकाले कि 30 सितंबर को आधी रात के बाद भी विसर्जन किया जा सके.

बीजेपी ने जाहिर की खुशी

बंगाल की बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि हम बहुत खुश हैं कि जनता के पक्ष में फैसला आया. हमें कुछ समय के लिए राजनीति को किनारे रखकर बंगाल की संस्कृति के बारे में सोचना चाहिए. ममता जानूबझकर लोगों को बांट रही हैं. वे डर रही हैं कि बंगाल में बीजेपी अच्छा कर रही है और लोग उससे जुड़ रहे हैं. वहीं बीजेपी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा हाईकोर्ट के आदेश से साफ है कि राज्य सरकार कानून और व्यवस्था को बरकरार रखने में नाकाम रही है. अब इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है.

(साभार न्यूज 18)