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देरी की वजह से 204 रेलवे प्रोजेक्ट की 1.82 लाख करोड़ बढ़ी लागत!

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार रेल मंत्रालय की 204 परियोजनाओं की कुल लागत 1.82 लाख करोड़ रुपए बढ़ चुकी है

Bhasha

भारतीय रेल की 200 से अधिक परियोजनाओं (प्रोजेक्ट) की लागत विभिन्न कारणों से उनकी अनुमानित लागत से लगभग 1.82 लाख करोड़ रुपए बढ़ चुकी है.

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार रेल मंत्रालय की 204 परियोजनाओं की कुल लागत 1.82 लाख करोड़ रुपए बढ़ चुकी है.


मंत्रालय केंद्र सरकार की 150 करोड़ रुपए या उससे अधिक लागत वाली परियोजनाओं की निगरानी करता है. रिपोर्ट के अनुसार इस साल अप्रैल में इन 204 परियोजनाओं की कुल वास्तविक लागत 1,29,339.96 करोड़ रुपए थी. जो अब बढ़कर कुल अनुमानित लागत 3,12,026.83 करोड़ रुपए हो चुकी है. यह लागत में 141.25 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है.

मंत्रालय ने अप्रैल में भारतीय रेल की 330 परियोजनाओं की समीक्षा की थी. उसकी रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 46 परियोजनाएं अपने समय से 3 माह से 261 महीने तक की देरी से चल रही हैं.

रेल मंत्रालय के बाद बिजली क्षेत्र दूसरा ऐसा क्षेत्र है जहां परियोजनाओं की लागत सबसे ज्यादा बढ़ी है. मंत्रालय ने बिजली क्षेत्र की 114 परियोजनाओं की समीक्षा के आधार पर बताया कि 47 परियोजनाओं की लागत 70,940.81 करोड़ रुपए तक बढ़ चुकी है.

इनकी कुल वास्तविक लागत 1,84,243.07 करोड़ रुपए थी. इनकी अनुमानित लागत अब 2,55,183.88 करोड़ रुपए हो चुकी है. इनमें से 61 परियोजनाएं अपने समय से 2 से 135 महीने तक की देरी से चल रही हैं.