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देश को अवैध फोन एक्सचेंजों से 3000 करोड़ रुपए का नुकसान

एमपी के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सदन में ध्यानआकर्षण प्रस्ताव के दौरान उठाए सवालों के जवाब में जानकारी दी

IANS

देश की खुफिया जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को देने के लिए विभिन्न हिस्सों में चलने वाले टेलीफोन एक्सचेंजों से देश को तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सोमवार को विधानसभा में यह जानकारी दी.

कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए राज्य में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों का मुद्दा उठाया. इस दौरान सदन में भोपाल के सेंट्रल जेल से विचाराधीन कैदियों के भागने और उन्हें एनकाउंटर में मार गिराने, आईएसआई को खुफिया जानकारी देने के लिए चल रहे टेलीफोन एक्सचेंज और शाजापुर में ट्रेन में हुए विस्फोट पर चर्चा हुई.


ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने नवंबर 2016 में जम्मू के आरएसपुरा से सतविंदर सिंह और दादू को पकड़ा था. इनसे मिली जानकारी के आधार पर राज्य एटीएस ने सतना जिले से चल रहे अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा किया. इस मामले में अब तक 15 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

गृह मंत्री सिंह ने आगे बताया कि पकड़े गए आरोपी पाकिस्तानी हैंडलर्स को भारतीय सेना और दूसरे सुरक्षा संबंधी सामरिक महत्व के स्थानों की जानकारी देते थे. इसके बदले में उन्हें सतना के कई बैंकों के खातों के जरिए पैसे पहुंचाए जाते थे. इन आरोपियों के पास से कई बैंकों के एटीएम भी जब्त किए गए हैं. ये एक से दूसरे बैंक में रकम ट्रांसफर करते थे.

अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए देश से जुड़ी खुफिया जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाई जाती थी (फोटो: रॉयटर्स)

उन्होंने यह जानकारी भी दी कि आरोपियों, बैंक खाता धारकों और पाकिस्तानी हैंडलर्स का आपस में संपर्क वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) के जरिए से जीएसएम एक्सचेंज के जरिए होता था. यह एक्सचेंज सिर्फ मध्य प्रदेश में नहीं, बल्कि पूरे देश में है. इन समानांतर एक्सचेंजों से देश को तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

गृह मंत्री ने सदन को भरोसा दिलाया कि राज्य में आतंकी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति कोई भी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

चर्चा के दौरान भूपेंद्र सिंह ने माना कि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज का सॉफ्टवेयर किसने और कहां तैयार किया था.