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दिल्ली की सर्दी और धुंध: दिलवालों के शहर से क्यों भाग रहे हैं लोग!

दिवाली के बाद दिल्ली में एयर पॉल्यूशन का लेवल इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि लोग सर्दियों में शहर छोड़कर जाने को मजबूर हो जाता है

Pratima Sharma

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग अपने ही शहर के साथ परायों जैसा बर्ताव करने के लिए मजबूर हो गए हैं. कुछ साल पहले तक दिल्ली की सर्दी इस शहर की खासियत मानी जाती थी लेकिन अब हालात बिल्कुल बदल गए हैं. दिन-ब-दिन शहर प्रदूषण के जाल में इस कदर फंसता जा रहा है कि लोग यहां की सर्दियों से दूर भागने लगे हैं.

पिछले साल दिल्ली के आसमान पर धुंध की चादर फैली थी. यह दिल्ली के खुशनुमा मौसम का नजारा नहीं था बल्कि पर्यावरण के साथ हमारे गलत बर्ताव का नतीजा था. बत्रा अस्पताल के हार्ट सर्जन डॉक्टर उत्पल कौल बताते हैं, 'उनके पास सबसे ज्यादा मरीज अक्टूबर से दिसंबर के बीच आते हैं. इस दौरान धुंध और धुंए के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है और दिल के मरीजों की समस्याएं बढ़ जाती हैं.'


इस साल मिलेगी राहत?

इस साल सरकार ने 31 अक्टूबर तक पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया है. दिवाली से ठीक एक हफ्ता पहले यह बैन लगाने से कारोबारियों में काफी रोष है लेकिन साल-दर-साल दिल्ली पर प्रदूषण के बढ़ते कहर को देखें तो लगता है कि यह फैसला सही ही हुआ है.

पंजाबी बाग में रहने वाले हरबीर साहनी का कहना है, 'कुछ साल पहले तक मुझे सर्दियों में दिल्ली रहना पसंद था, लेकिन अब मैं यहां नहीं रहता. पिछले दो साल से मैं दिवाली के बाद पुणे चला जाता हूं. मुझे सांस की प्रॉब्लम है, जिसकी वजह से डॉक्टर मुझे एक महीने दिल्ली से बाहर रहने की सलाह देते हैं.' उन्होंने कहा, 'मैं रिटायर हो चुका हूं, इसलिए दिल्ली से बाहर जा सकता हूं. लेकिन जिन लोगों की यहां रोजी रोटी है, उनके लिए यह मुमकिन नहीं है.'

पिछली बार दिवाली के बाद दिल्ली की हवाओं में प्रदूषण का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया है. उस वक्त दिल्ली में प्रदूषण का लेवल इतना ज्यादा था कि उसे 1952 के लंदन द ग्रेट स्मॉग से कंप्येर किया गया था.

गुरुग्राम की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले 35 साल के आकाश लूथरा कहते हैं, 'दिवाली के बाद दिल्ली की हालत इतनी खराब हो जाती है कि मेरा दम घुटने लगता है. मुझे अभी कोई सांस की दिक्कत नहीं है लेकिन पिछले साल मुझे बहुत परेशानी हुई थी. उस वक्त मेरे आंखों में खुजली और घुटन महसूस होने लगी. इससे बचने के बाद मैं एक हफ्ते के लिए गोवा चला गया.' लूथरा ने कहा, 'हर बार जरूरी नहीं है कि दिवाली के बाद छुट्टी मिल ही जाए. वैसे इस साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत जरूर मिल गई है.'

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर तक पटाखों की बिक्री पर जरूर रोक लगा दी है लेकिन पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से भी दिल्ली की हवा खराब हो जाती है.

इस बार क्या है हालत?

सिस्टम्स ऑफ एयर क्वॉलिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च यानी एसएएफएआर के स्केल पर दिल्ली की एयर क्वॉलिटी करीब 320 है. यह स्केल 1 से 500 तक है. 1 के पैमाने पर एयर क्वॉलिटी अच्छी मानी जाती है. वहीं 500 सबसे खराब हवा का पैमाना है.

आने वाले दो दिनों के लिए पूर्वानुमान अच्छे नहीं हैं. दिल्ली-एनसीआर की एयर क्वॉलिटी आने वाले दिनों में और बद्तर होने वाली है. सोमवार 9 अक्टूबर को दिल्ली का हवा में PM10 196 से बढ़कर मंगलवार को 201 हो सकता है. इस दौरान PM2.5 120 से बढ़कर 125 हो सकते हैं.