दिल्ली यूनिवर्सिटी के नव निर्वाचित स्टूडेंट यूनियन अध्यक्ष अंकिव बसोया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पहले उन पर एनएसयूआई ने आरोप लगाया था कि उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए जो डिग्री कॉलेज में जमा की है वह फर्जी है और अब तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी ने उन्हें अपना छात्र मानने से ही इनकार कर दिया है.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिनों पहले ही NSUI ने बसोया की स्नातक की डिग्री को फर्जी बताया था और अब तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने तमिलनाडु के शिक्षा प्रधान सचिव को लिखित में कहा है कि अंकिव बसोया ने उनके यूनिवर्सिटी में कभी दाखिला लिया ही नहीं.
रजिस्ट्रार के अनुसार अंकिव को कोई डिग्री जारी नहीं की गई
चिट्ठी में रजिस्ट्रार ने लिखा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के नव निर्वाचित स्टूडेंट यूनियन अध्यक्ष अंकिव बसोया ने उनकी यूनिवर्सिटी में कभी दाखिला लिया ही नहीं और न ही उनकी यूनिवर्सिटी के किसी कॉलेज के वो छात्र रहे हैं. रजिस्ट्रार ने साफ लिखा है कि उन्होंने जो सर्टिफिकेट जमा किया है वह फर्जी है. उनकी यूनिवर्सिटी ने ऐसा कोई सर्टिफिकेट उन्हें जारी ही नहीं किया. इस तरह का कोई छात्र उनके किसी भी कॉलेज में नहीं था. उन्होंने बताया कि परीक्षा नियंत्रक ने अपने कार्यालय से पूरी जांच करने के बाद एक पत्र भेजा है, जिसमें साफ लिखा है कि अंकिव बसोया द्वारा दिखाया गया सर्टिफिकेट फर्जी है.
72 फर्जी सर्टिफिकेट्स का मामला आया सामने
यूनिवर्सिटी के सूत्रों के अनुसार इस तरह के 72 फर्जी सर्टिफिकेट्स के बारे में पता चला है और इसकी शिकायत दर्ज की गई है. यह मामला तब सामने आया जब NSUI ने अंकिव बसोया की तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की मार्कशीट के फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर किया था और दावा किया था कि ये मार्कशीट फर्जी है. तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक द्वारा तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी
के अध्यक्ष को 7 सितंबर 2018 को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें लिखा था कि अंकिव के प्रमाण पत्र की जांच हो गई है और यह पाया गया कि प्रमाण पत्र असली नहीं है.
अंकिव ने तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की यह अंडर ग्रेजुएट की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी के एमए प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए दी थी. फर्जी डिग्री को लेकर विवाद बढ़ने के बाद डीयू ने जांच के आदेश दिए हैं. बसोया ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से डूसू का चुनाव लड़ा था और उसमें जीत हासिल की थी.