view all

कोच्चि: वन विभाग के अधिकारियों के लिए नई मुसीबत, नशे में धुत हो रहे हैं हाथी

हाथी यहां पर एक गड्ढे में खांड़ या शीरे मिले हुए पानी को पी रहे हैं, जिससे उन्हें नशा हो रहा है.

FP Staff

कोच्चि में टूरिस्ट्स और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. निलक्कल इलाके में 'नशे में धुत' हाथियों का झुंड प्रकोप बढ़ गया है. इन हाथियों के मुंह नशा लग गया है और ये लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं.

सबरीमाला मंदिर जाने के लिए निलक्कल में तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लग रहा है. यहीं तीर्थयात्रियों ने अपना कैंप लगाया है. यहां कूड़ा डंप करने की जगह पर हाथी इकट्ठा हो रहे हैं. यहीं पास में पेरियार टाइगर रिजर्व है.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया है कि हाथी यहां पर एक गड्ढे में खांड़ या शीरे मिले हुए पानी को पी रहे हैं, जिससे उन्हें नशा हो रहा है. ये पानी बारिश के बाद फर्मेंट हो गया है यानी उसमें खमीर उठ गया है, जिससे उसमें अल्कोहल की मात्रा आ गई है.

दरअसल, ये शीरा पंबा के एक वेयरहाउस से आया है, जो केरल की बाढ़ के दौरान बरबाद हो गया था. ये शीरा गड्ढे में जमा हो गया और बारिश के चलते इसका फर्मेंटेशन हो गया. हाथी यहां पानी पीते आते थे, अब उन्होंने ये पानी पी लिया है और माना जा रहा है कि इसका टेस्ट उन्हें काफी पसंद आया है. अब हाथियों का झुंड जमा हो गया है.

फॉरेस्ट वेटरिनरी डॉक्टर अब्दुल लतीफ ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया कि चूंकि गड्ढा ढका हुआ नहीं है इसलिए हाथी लगातार इसका पानी पी रहे हैं और उन्हें इसके स्वाद की आदत लगती जा रही है.

वन विभाग के अधिकारी इस पूरे घटनाक्रम से काफी परेशान हैं क्योंकि वहीं कुछ मीटर दूर ही तीर्थयात्रियों का कैंप है और इन 'नशे में धुत' हाथियों का कोई भरोसा नहीं है. डर है कि वो झुंड के झुंड कैंप में घुस सकते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि अल्कोहल जैसे इस पानी को पी रहे हाथियों के रवैये में बदलाव भी देखा गया है. अब इन हाथियों को आसानी से डराना भी मुश्किल हो रहा है. वहां खाने-पीने के छिलके और फूलों को कचरों में फेंकने से भी हाथी आकर्षित हो रहे हैं. चूंकि पंबा और निलक्कल सबरमीला के तीर्थयात्रियों के लिए कैंप की तरह हैं, इसलिए यहां कचरा निपटारे की बहुत समस्या है, जो जंगली जानवरों के लिए भी एक मुसीबत है.