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कभी ‘राज-रोग’ रहा मधुमेह अब जीवन शैली से जुड़ी बीमारी: मोदी

उन्होंने कहा बच्चों में मधुमेह सुनकर आश्चर्य होता है. हमारा लाइफ-स्टाइल बदल गया है. इन बीमारियों को लाइफ-स्टाइल डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है

Bhasha

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मधुमेह को कभी राज-रोग कहा जाता था. क्योंकि यह विलासितापूर्ण जीवन जीने की वजह से होता था. आज यह जीवनशैली से जुड़ी बीमारी हो चुकी है. बचाव के लिए लोगों को अपनी दिनचर्या में योग एवं व्यायाम को शामिल करना चाहिए.

मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में फोनकॉल के दौरान एक डॉक्टर की ओर से बच्चों में मधुमेह की बीमारी पर ध्यान आकर्षित किए जाने पर प्रधानमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए योग को इसके उपाय के रूप में सुझाया.


उन्होंने कहा कि पहले जो बीमारियां बड़ी उम्र में, जीवन के अंतिम पड़ाव के आस-पास होती थीं- वह आजकल बच्चों में भी दिखने लगी हैं. बच्चों में मधुमेह सुनकर आश्चर्य होता है. हमारा लाइफ-स्टाइल बदल गया है. इन बीमारियों को लाइफ-स्टाइल डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है.

लिफ्ट के बजाए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें बच्चे 

शारीरिक श्रम में कमी और खान-पान में बदलाव को कम उम्र में इन बीमारियों की वजह बताते हुए मोदी ने सलाह दी कि परिजन जागरूकता के साथ यह सुनिश्चित करें कि बच्चे, खुले मैदानों में खेलने की आदत डालें.

संभव हो तो परिवार के बड़े लोग भी बच्चों के साथ खुले में जाकर कर खेलें. बच्चों को लिफ्ट की बजाय सीढ़ियां चढ़ने की आदत डालें. रात में भोजन के बाद टहलने की कोशिश करें.

योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘योग, विशेष रूप से हमारे युवा मित्रों को एक स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने और इससे संबंधी बीमारियों से बचाने में मददगार होगा. स्कूल से पहले 30 मिनट का योग, देखिए कितना लाभ देगा.’

यौगिक क्रिया की सरलता की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘योग की विशेषता यही है कि वह सहज है, सरल है, सर्व-सुलभ है. मैं सहज इसलिए कह रहा हूं क्योंकि किसी भी उम्र का व्यक्ति आसानी से योग कर सकता है.’

उन्होंने कहा कि सरल इसलिए है कि इसे आसानी से सीखा जा सकता है और सर्व-सुलभ इसलिए है कि कहीं पर भी किया जा सकता है. इसके लिए विशेष उपकरण या मैदान की जरूरत नहीं होती है.