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मुंबई प्लेन क्रैश: उड़ने लायक नहीं था विमान, पिछले 10 साल में नहीं भरी थी कोई उड़ान

विमान में तकनीकी गड़बड़ी आ गई जिसके कारण पायलट उस पर नियंत्रण नहीं रख पाए

FP Staff

मुंबई स्थित घाटकोपर में गुरुवार दोपहर को चार्टर्ड प्लेन के क्रैश होने के मामले की जांच में प्राथमिक रिपोर्ट में कई नई बातें सामने आई हैं. दुर्घटनाग्रस्त एयरक्राफ्ट की पिछले डेढ़ साल से मरम्मत की जा रही थी. चार्टर्ड प्लेन को नए सिरे से उड़ान भरने के लिए जरुरी सर्टिफिकेट डीजीसीए द्वारा जारी करना अभी बाकी था. चार्टर्ड प्लेन ने बिना डीजीसीए सर्टिफिकेट के उड़ान भरी जिसे हासिल करना जरुरी था. विमान ने पिछले दस सालों से कोई उड़ान नहीं भारी थी.

मुंबई स्थित घाटकोपर में गुरुवार दोपहर एक चार्टर्ड प्लेन क्रैश होने से 5 लोग मारे गए थे जिसमें 4 प्लेन में सवार थे. वहीं घटनास्थल से गुजर रहे एक राहगीर की भी मौत हो गई थी. प्लेन का ब्लैक बॉक्स मिल गया है, जिससे अब घटना के कारणों का पता चल सकेगा. बता दें कि इस घटना में 2 महिलाओं की भी मौत हुई है जो इस प्लेन की क्रू मेंबर थीं.


महाराष्ट्र में दो दिन में यह दूसरा हवाई हादसा है. नासिक के पास गुरुवार को हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड का एक सुखोई सु-30 एम विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें इसके पायलट और उड़ान परीक्षण इंजीनियर सुरक्षित बाहर निकल आए थे.

एक अधिकारी ने बताया कि किंग एयर सी90 विमान घाटकोपर टेलीफोन एक्सचेंज के पास ओल्ड मलिक एस्टेट में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. कभी ये विमान उत्तर प्रदेश सरकार का था और उसे यूवी एविएशन को बेच दिया गया था.

विमान ट्रैफिक कंट्रोल कक्ष के सूत्रों ने बताया कि विमान परीक्षण उड़ान पर जुहू हवाईपट्टी से रवाना हुआ था. जूहू से चार नौटिकल मील दूर था, तभी वह नियंत्रण गंवा बैठा. नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को विमान हादसे की जांच करने को कहा था.

एक डीजीसीए अधिकारी ने कहा, ‘विमान परीक्षण उड़ान के लिए जुहू हवाई अड्डे से रवाना हुआ था. उसमें दो पायलट, दो विमान रखरखाव इंजीनियर थे. हादसे में विमान में सवार सभी और एक पैदल यात्री मारे गए.’ पुलिस ने मृतकों की पहचान पायलट मारिया जुबेरी (48), प्रदीप राजपूत, इंजीनियर सुरभि बृजेश कुमार गुप्ता (34), तकनीशियन तेजपाल पांडे (21) और पदयात्री गोविंद पंडित के रुप में हुई है.

डीजीसीए अधिकारियों की एक टीम शुरुआती जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंच गई है. विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) का दो सदस्यीय दल भी घटना की जांच के लिए शहर में पहुंच गया है. ब्यूरो नागर विमानन मंत्रालय के अंतर्गत आता है. एक अधिकारी ने बताया कि डीजीसीए अधिकारियों को विमान का वायस डाटा रिकार्डर मिल गया है जिससे उन्हें हादसे से जुड़ी घटनाओं की कड़ियां जोड़ने में मदद मिलेगी.

अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण कक्ष ने विमान के उड़ान भरने के बाद पायलट से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाया. संभवत: विमान में तकनीकी गड़बड़ी आ गई जिसके कारण पायलट उस पर नियंत्रण नहीं रख पाए. उन्होंने कहा, ‘ऐसा जान पड़ता है कि पायलट ने सड़क पर कहीं उसे उतारने का प्रयास किया.’