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राम रहीम केस: बाबा के भक्तों! गलत को गलत ना कहना भी पाप है

आखिरी ऐसा क्या सम्मोहन है कि आम आदमी अपनी रोजी रोटी छोड़कर किसी के इशारे पर अपना ही घर जलाने लगता है?

Pratima Sharma

आम आदमी! क्या हैसियत होती है एक आदमी की? कुछ नहीं.. तब तक जब तक वह भीड़तंत्र का हिस्सा ना बन जाए. आखिर ऐसा क्या सम्मोहन है कि आम आदमी अपनी रोजी रोटी छोड़कर किसी के इशारों पर अपना ही घर जलाने को दौड़ पड़ता है. एक बलात्कारी बाबा, जिसके खिलाफ पूरे देश की महिलाओं को एक हो जाना चाहिए. वे ऐसी बातें कर रही हैं मानों बाबा को उनके कुकर्मों की सजा देकर अदालत ने कोई पाप कर दिया है.

ऐसी कई खबरें आईं जिनमें महिलाएं चिल्ला-चिल्लाकर यह दावा कर रही हैं ‘बाबा किसी का रेप नहीं कर सकते. गुरमीत राम रहीम पर लगाया गया आरोप गलत है. बाबा चमत्कार कर सकते हैं.’


क्यों करते हैं इतना भरोसा 

गुरमीत राम रहीम पर लोगों का इस कदर भरोसा क्या किसी मानसिक बीमारी का संकेत नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक 67 साल के एक सेवादार राम चंद्रा को बस इस बात की शिकायत है कि ‘पिता जी ने शुक्रवार को चमत्कार क्यों नहीं दिखाया. सिरसा और पंचकूला दोनों जगह प्रकट हो जाते.’ चांद पर जाने और सुपर पावर होने का दावा करने वाले इस देश के नागरिकों की ऐसी सोच!

क्या गुरमीत राम रहीम के समर्थकों और सेवादारों को यह लगता है कि बाबा पाकिस्तान को मजा चखा सकते हैं, चीन को डोकलाम से भगा सकते हैं या भारत की करेंसी रुपए की वैल्यू बढ़कर डॉलर के बराबर हो सकती है. इसमें रत्ती भर का भी शक नहीं है कि गुरमीत राम रहीम ऐसा कुछ नहीं कर सकते.

फिर ऐसी कौन सी सम्मोहनी विद्या है इन बाबाओं के पास कि लोग इन पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं. गुरमीत राम रहीम, राधे मां, आशा राम बापू... भगवान के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाने वाले बाबाओं से ज्यादा बड़ी गलती इन पर आंख मूंद कर भरोसा करने वाले भक्तों की हैं.

एक के बाद एक हैरतअंगेज खुलासे

गुरमीत राम रहीम के एक से एक हैरतअंगेज खुलासे लगातार आ रहे हैं. फिर भी भक्तों की अंधभक्ति में कोई कमी क्यों नहीं आ रही है. गुरमीत राम रहीम का बेडरूम ‘बाबा की गुफा’ कहलाता है. गुफा में सिर्फ महिला सेवादार ही रहती हैं. गुरमीत अपनी मर्जी और पसंद से सेवादार महिला को चुनता है. इस पूरी प्रक्रिया को कोड वर्ड में ‘पिता जी माफी’ कहा जाता है. अगर कोई महिला इसके खिलाफ आवाज उठाती है तो अव्वल तो परिवार के लोग उस पर भरोसा नहीं करते. अगर भरोसा कर लेते हैं तो बाबा के गुंडे उन्हें जीने नहीं देते.

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, गुरमीत राम रहीम को सरकारी चॉपर में रोहतक जेल ले जाया गया. चॉपर की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें गुरमीत लॉलीपॉप जैसा कुछ खाते नजर आ रहे हैं. रेप के दोषी गुरमीत राम रहीम का ये टशन! जरा सोचिए गुरमीत के इस रवैया में कानून का कोई खौफ या डर नजर आता है क्या? नहीं.. उल्टा प्रशासन व्यवस्था को यह डर सता रहा है कि सजा सुनाने के बाद रोहतक की हालत भी पंचकूला जैसी ना हो जाए.

सरकार को भक्तों से खतरा!

सुरक्षा में कोई चूक ना हो इसलिए जेल में ही कोर्ट बनाया गया है. आज सजा भी हो जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, पंचकूला में राम रहीम ने पैसे देकर भीड़ जुटाई है. इसके मुताबिक, हर शख्स को 1000-1000 रुपए देकर पंचकूला और सिरसा में इकट्ठा किया गया था. लोगों की अंधभक्ति का फायदा उठाकर ये बाबा जमकर चंदा जुटाते हैं और सरकारी पार्टियों को चंदा देकर उन्हें अपनी जेब में रखते हैं.

रेप केस के मामले में आसाराम कैद की सजा काट रहे हैं. मुमकिन है कि गुरमीत राम रहीम को भी कुछ साल की कैद हो जाए. लेकिन इस बात का पूरा भरोसा है कि ऐसे ढोंगी बाबाओं का जलवा कम नहीं होगा क्योंकि आम आदमी आंख बंद करके भेड़ चाल चलना नहीं छोड़ेगा.