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नोटबंदी: नए नोट की कालाबाजारी कैसे रुकेगी?

छापे में बड़ी रकम मिलना आम लोगों के लिए तकलीफ वाली बात है

Nazim Naqvi

नोटबंदी के एलान को अब एक महीने से ज्यादा हो चुका है. पिछले एक महीने से क्या कर्मचारी, क्या व्यापारी और क्या अधिकारी, सब बैंक या एटीएम लाइनों में लगे हैं. बैंकों के सामने बड़ी समस्या कैश की है. कैश होगा तभी तो दिया जाएगा.

सरकार भी बार-बार अपील कर रही है कि लोग कम नकदी का इस्तेमाल करें. छोटे-छोटे दुकानदारों ने भी मजबूर होकर ‘पेटीएम’ जैसी सुविधा के साथ ऑन-लाइन पेमेंट करना सीख लिया है या सीख रहे हैं.


सरकार ने व्यवस्था दी है कि प्रति-व्यक्ति हफ्ते में (अपने खाते से) केवल 24 हजार तक की रकम ही निकाल सकता है. लेकिन हकीकत ये है कि हर बैंक की ब्रांच अपने पास उपलब्ध कैश के आधार पर रोज ये रकम घटा या बढ़ा रही है.

जिस दिन हम बैंक गए, उस दिन हमारे बैंक की ब्रांच में, सेविंग बैंक खाताधारकों को 6 हजार तथा करेंट खाताधारक को दस हजार ही मिल पा रहे थे.

विचलित करने वालीं खबरें 

इसी बीच विचलित कर देने वाली खबरें भी समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों पर प्रसारित हो रही हैं. ये वो खबरें हैं जो परेशान हाल आम जनता के आक्रोश को बढ़ाने वाली हैं. देशभर से मिल रही ऐसी खबरों पर जरा एक नजर डालिए.

गुजरात पुलिस ने सूरत में एक पूर्व-सूचना के आधार पर जब एक कार की तलाशी ली तो उसे नई करेंसी में 76 लाख रुपए मिले. ये पैसा नासिक से आ रहा था. हरियाणा क्राइम ब्रांच ने गुडगांव के नजदीक एक रेड में 10 लाख के नए नोट बरामद किए.

इसी तरह मुंबई क्राइम ब्रांच ने दो लोगों से 86 लाख के नए नोट बरामद किए. चेन्नई के वेल्लोर जिले में एक बालू माफिया के पास से 9.63 करोड़ मिले. ये नोट नई करेंसी में थे. अधिकारियों ने बताया कि इन 2000 के नोटों की गड्डियों पर किसी बैंक की स्लिप नहीं थी.

इसी तरह इनकम टैक्स अधिकारियों ने कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले के एक हवाला डीलर के बाथरूम से 5.7 करोड़ रुपए जब्त किए. 65 लाख हैदराबाद के सिनियर सुप्रिंटेडेंट ऑफ पोस्ट-ऑफिस के पास से निकले.

2000 नोटों के रूप में 71 लाख हैदराबाद के निकट कोथुर से पकड़े गए. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नई दिल्ली की एक लॉ फर्म से 13 करोड़ अवैध रकम जब्त की जिसमें 2.5 करोड़ की नई करेंसी थी.

जनता में गुस्सा पैदा होगा

जाहिर है कि ये खबरें बैंकों के चक्कर लगा रही आम-जनता में गुस्सा पैदा करने वाली हैं. एक तरफ लोग दो-दो हजार के लिए तरस रहे हैं. अपना ही पैसा बैंक से नहीं निकाल पा रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ लोग करोड़ों रुपए की नई और अवैध करेंसी के साथ पकड़े जा रहे हैं. सवाल ये है कि इन लोगों के पास इतनी बड़ी मात्रा में ये नए नोट आ कहां से रहे हैं?

दवा की एक दुकान पर एक सज्जन दस-दस के नोटों की एक गड्डी से दो सौ नब्बे रुपए का पेमेंट दुकानदार को देते हुए बोले कि मुझे तो लगता है कि ये नोटबंदी किसी बड़े घोटाले का हिस्सा है.

दरअसल नोटबंदी के जरिए घरों में छिपा कर रखी गई रकम को सामने लाना था. सरकार को इस मकसद में कामयाबी मिली भी है लेकिन साथ ही नए नोटों की जमाखोरी भी शुरू हो गई है. आयकर अधिकारी देशभर में छापे मार रहे हैं ताकि 30 दिसंबर से पहले अधिक से अधिक अवैध पैसा बैंकों में लाया जा सके.

इन्हीं छापों में जब उन्हें नए करेंसी में करोड़ों मिल रहे हैं तो वह भी अचंभे में हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी लगातार लोगों से ये अपील कर रहे हैं कि लोग चिंतित होकर नोटों की जमाखोरी न करें, जितनी जरूरत हो उतना ही बैंक से निकालें.

बैंकों द्वारा जारी आकड़ों की बुनियाद पर ये तथ्य सामने आ चुका है कि नई करेंसी के रूप में रिजर्व बैंक ने जो नगदी जारी की है, उसका दस प्रतिशत भी वापस बैंकों में नहीं लौटा है. इसकी दो वजहें मूल रूप से बताई जा रही हैं. पहली वजह ये कि लोग घबराहट में छोटे नोटों को खर्च नहीं कर रहे हैं और दूसरे ये कि इसका कुछ अंश कालेधन में बदल चुका है.

एक खबर के अनुसार पंजाब नैशनल बैंक ने पिछले एक महीने में अपने खाताधारकों को 450 करोड़ रुपए की नगदी बांटी लेकिन उसकी 55 शाखाओं में जो पैसा वापस जमा करवाया गया वह केवल 12 करोड़ रुपए ही है. यही हालत एसबीआई सहित दूसरे बैंकों की भी है. पिछले एक माह में आरबीआई ने 1800 करोड़ रुपए जारी किये हैं.

लोगों ने पैसा रोका

19 सरकारी बैंकों की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक सिर्फ 110 करोड़ रुपए ही बैंकों में पहुंचे हैं. साफ है कि शेष 1690 करोड़ रुपए लोगों ने अपने पास रोक लिए हैं. अगर ये पैसा ही बैंकों में लौटने लगे तो कैश का संकट काफी हद तक कम हो सकता है लेकिन लोगों की आशंका के कारण ये रकम बैंकों में नहीं लौट रही है.

इन सारी समस्याओं के बीच लोगों के पास से करोड़ों रुपए के नए नोटों का अवैध रूप में मिलना जांच का विषय है. जब तक बैंक के उच्च-अधिकारीयों की मिलीभगत न हो इतनी बड़ी रकम किसी के पास नहीं आ सकती. मुंबई क्राइम ब्रांच ने जो 86 लाख के नए नोट बरामद किये हैं उसमें पकड़े गए दो लोगों में से एक कांग्रेस के पूर्व-मंत्री का भतीजा है.

जांच में पता चला कि उक्त मंत्री का भतीजा अपने साथियों के साथ (नोटबंदी के बाद से) पुराने नोटों की बदली का धंधा कर रहा था. यह तो सिर्फ एक घटना है, देश भर में ऐसे न जाने कितने रसूखवाले ऐसे कामों में लगे होंगे.

जनता बेसब्री से इंतजार कर रही है कि नए साल की पहली किरण उनके लिए खुशियों की सौगात लेकर आने वाली है. ऐसे में सरकार को बहुत जल्द उन लोगों पर अपनी पकड़ बनानी होगी जो बैंकों से बड़ी रकमें निकालकर कालाबाजारी कर रहे हैं. अन्यथा जनता के आक्रोश को संभाल पाना उसके बस में नहीं होगा.

क्योंकि अब ये साफ होता जा रहा है कि 30 दिसंबर के बाद भी सब कुछ सामान्य नहीं हो पाएगा.