उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में बैंक से कैश न मिलने से बीमार एक रिटायर्ड रेलकर्मी की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि पैसे की तंगी के कारण पूर्व रेलकर्मी का इलाज नहीं हो पा रहा था. इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है.
उधर, स्कूल छोड़ अपने खाते से चेक के जरिए कैश निकालने इलाहाबाद बैंक गई एक टीचर को मैनेजर ने दुत्कार कर भगा दिया. टीचर ने इस मामले की शिकायत पुलिस में कर दी है.
देवगांव निवासी रामरतन खंगार (70) रेलकर्मी थे. वह कुछ महीनों से बीमार थे. उनका इलाज कानपुर में कराया जा रहा था. तीन दिन पहले यह बुजुर्ग अपने गांव में इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक में रुपए निकालने गए थे, लेकिन बैरंग लौटना पड़ा था.
पैसे के लिए वह सुमेरपुर कस्बे की एसबीआई शाखा भी गए, जहां लंबी लाइन के चलते उसे पैसे नहीं मिल सके थे.
वापस गांव जाते समय उनकी हालत बिगड़ गई और वह रास्ते में गश खाकर गिर गए. हालत गंभीर होती देख परिजन रामरतन को कानपुर के अस्पताल ले गए. पैसे न होने के कारण उसका इलाज नहीं हो सका. मजबूर परिजन बीमार रामरतन को घर ले आए, जहां उसने दम तोड़ दिया. उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.
देश में आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन डेढ़ माह से जारी है. नोटबंदी न जाने कितनों की जान लेगी.