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नोटबंदी से प्रॉपर्टी की कीमतें हुई कम

रियल एस्टेट मार्केट को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में होम लोन लेने वालों की संख्या बढ़ेगी.

IANS

नोटबंदी के बाद पुराने घरों और डेवलपर्स द्वारा बनाए गए छोटे घरों की बिक्री रूक सी गई है. लेकिन रियल एस्टेट मार्केट को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में होम लोन लेने वालों की संख्या बढ़ेगी और जिससे इस उद्योग की किस्मत फिर से चमक सकती है.

'घरों की बिक्री में लगा है काला धन'


दक्षिण दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र के एक प्रॉपर्टी कंसलटेंट का कहना है कि, 'दिल्ली-एनसीआर के इलाके में पुराने घरों की बिक्री में लगा 35 से 40 फीसदी पैसा काला धन है. केवल सर्किल रेट के हिसाब से जो पैसा दिया जाता है वह जायज होता है. नोटबंदी के बाद इसमें कमी आई है'.

उन्होंने कहा, 'इसी प्रकार डेवलपर्स द्वारा बनाए गए नए फ्लैटों की बिक्री में भी अभी ठहराव आ गया है'.

प्रॉपर्टी कंसलटेंट ने कहा, 'अब केवल एक ही उम्मीद है. एक बार जब नोटबंदी से उपजे हालात काबू में आ जाते हैं, जो तीन-चार या छह महीनों में हो सकता है. उसके बाद बैंकों को दिक्कत नहीं आएगी. हालांकि प्रापर्टी की कीमतों में 25 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है, लेकिन कारोबार प्रभावित नहीं होगा'.

लोन लेने में होगी आसानी

नोटबंदी से बैंकों में काफी अधिक धन जमा हुआ है. इससे बैंकों के पास लोन देने के लिए अच्छा-खासा पैसा आ जाएगा.

8 नबंवर को 500 और 1,000 के पुराने नोटों पर रोक लगने के बाद बैंक से भी निश्चित सीमा से अधिक रकम निकालने पर पाबंदी लगी हुई है.

गौड़ संस इंडिया के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ का कहना है, 'नोटबंदी के कारण मकान के खरीदारों में बढ़ोतरी होगी और बैंकों के पास वास्तविक खरीदार ही पहुंचेंगे.

रियल एस्टेट पर लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार विनोद बहल का कहना है, 'दिसंबर के बाद यह सेक्टर जोर पकड़ेगा, क्योंकि उपभोक्ता होम लोन के दरों में कमी का इंतजार कर रहे हैं'.

मैजिकब्रिक्स डॉट कॉम के संपादकीय सलाहकार जयश्री कुरुप का कहना है कि, 'नोटबंदी के कारण उत्तर भारत और मुंबई के बाजार काफी प्रभावित हुए हैं, जहां नकदी का चलन सबसे ज्यादा है. जबकि हैदराबाद और चेन्नई में इसका कम असर हुआ है, क्योंकि वहां नकदी का ज्यादा चलन नहीं है. वे सारे सौदे रद्द हो गए हैं, जिनमें 30 से 40 फीसदी भुगतान नकद में होने थे. लेकिन बैंक से कर्ज लेकर किए गए सौदे प्रभावित नहीं हुए हैं'.

वीबीएसटी वैल्यू होम्स प्रा. लि. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक रवि रामू ने बताया कि, 'नकद लेन-देन पर निर्भर रियल एस्टेट अब दम तोड़ चुका है'.