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नोटबंदी इम्पैक्ट: जीडीपी की दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान

सीएसओ ने अगले वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमानित दर की घोषणा करते हुए इसे 7.1 प्रतिशत रहने की बात कही है

FP Staff

नवंबर में हुए नोटबंदी के बाद सबकी नजरें केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) की ओर से वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए जारी होने वाली सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर पर थी.

मंगलवार को सीएसओ ने अगले वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमानित दर की घोषणा करते हुए इसे 7.1 प्रतिशत रहने की बात कही है.


सीएसओ की ओर से जारी जीडीपी ग्रोथ के अनुमानित आंकड़े पर प्रतिक्रिया पर आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

इस दौरान उन्होंने नोटबंदी को सही बताते हुए कहा कि जीडीपी के ताजा आंकड़ों ने नोटबंदी की नकारात्मक अटकलों को खारिज कर दिया है.

सीएसओ ने वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी वृद्धि की अनुमानित दर घोषित करते हुए यह भी बताया कि कृषि और संबंधित क्षेत्र की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 0.8 प्रतिशत अधिक है.

सीएसओ के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी वृद्धि का अग्रिम अनुमान 7.1 प्रतिशत रह सकता है. पिछले वर्ष के दौरान भी वृद्धि दर का यही अनुमान जारी किया गया था.

सरकार के लिए राहत देने वाली सबसे बड़ी खबर यह रही कि नोटबंदी के दौरान (चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में) जीडीपी वृद्धि दर अनुमानित 7 प्रतिशत रही.

वित्त वर्ष 2017 में इंडस्ट्री की ग्रोथ 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. वित्त वर्ष 2016 में इंडस्ट्री की ग्रोथ 8.2 फीसदी रही थी.

वित्त वर्ष 2017 में सर्विसेज की ग्रोथ 7.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. वित्त वर्ष 2016 में सर्विसेज की ग्रोथ 9.8 फीसदी रही थी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सीएसओ द्वारा जारी किए जीडीपी के आंकड़े संदेहास्पद हैं.

साभार: न्यूज़18 हिंदी