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यमुना का जलस्‍तर खतरे के निशान से पार, क्या दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात पैदा होने वाले हैं?

आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि पिछले दो दिनों में जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

Ravishankar Singh

दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में यमुना नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यह बढ़ोतरी हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण हुई है. उत्तर भारत में लगातार बारिश होने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है. यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी के बाद दिल्ली-एनसीआर के कई निचले इलाकों को खाली करा लिया गया है. इन इलाकों में पानी अंदर तक घुस गया है. दिल्ली में मंगलवार शाम तक यमुना का जलस्तर 206.04 मीटर तक पहुंच गया है.

यमुना के जलस्तर में तेजी के बाद भारतीय रेलवे ने भी सोमवार सुबह से ही कई पैसेंजर और सुपर फास्ट ट्रेनों के रूटों में परिवर्तन किया है. वहीं दिल्ली सरकार ने भी निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगह पर भेजने का काम कर रही है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक यमुना के जलस्तर में लगातार चौथे दिन भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. स्थिति गंभीर है इसलिए अधिक से अधिक लोगों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है. खासकर वजीराबाद, शास्त्री पार्क, गांधी नगर, ओखला, सोनिया विहार सहित कई निचले इलाकों में रह रहे लोगों को हमारी टीम हटाने का काम कर रही है.


राजधानी दिल्ली पर मंडराता खतरा!

जलस्तर बढ़ने के बाद राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हथिनी कुंड बैराज से अब तक 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. दिल्ली सरकार ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट पर रखा है. 50 से अधिक नौकाओं को हर समय यमुना में तैनात रखने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सरकार ने हालात को देखते हुए जरूरी उपाय कर रखे हैं. दिल्ली सरकार ने हालात के मद्देनजर यमुना बाढ़ नियंत्रण कक्ष और आपात संचालन केंद्र को अलर्ट पर रखा है. आपदा प्रबंधन विभाग ने यमुना पर मौजूद पुराने लोहे का पुल को यातायात के लिए बंद करने का आदेश जारी किया है.

सोमवार सुबह ही यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 204.83 से ऊपर 205.62 तक पहुंच चुका था. इस बीच ये भी खबर मिल रही है कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी मंगलवार रात तक दिल्ली पहुंचने वाला है. ऐसे में यमुना के जलस्तर में और बढ़ोतरी होगी और बिगड़ेंगे ही.

फ़र्स्टपोस्ट हिंदी ने दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ के हालात का जायजा लिया. शास्त्री पार्क, वजीराबाद, गांधी नगर और कैलाश नगर के निचले इलाकों को लगभग खाली करा लिया गया है. जो लोग वहां अब भी रह रहे हैं उनको प्रशासन की तरफ से लगातार चेतावनी जारी की जा रही है. विस्थापित लोगों के लिए ऊपरी इलाकों में टेंट लगा कर रखा गया है. टेंट में रहने वाले ज्यादातर लोग मजदूर वर्ग के हैं, जो सालों से इस जगह पर सब्जी उगाने का काम किया करते हैं.

फ़र्स्टपोस्ट हिंदी ने शास्त्री पार्क इलाके निचले हिस्से में रहने वाले राकेश से बात की. राकेश अपनी पीढ़ी के चौथे शख्स हैं जो यहां पर सब्जी की खेती करते हैं. राकेश फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘हमलोग पिछले कई दिनों से अपनी जमीन छोड़ कर शास्त्री पार्क के पास टेंट में रह रहे हैं. दिल्ली सरकार की तरफ से हमें रहने और खाने का इंतजाम किया गया है.

लेकिन, जैसे ही यमुना का पानी नीचे जाएगी हमलोगों को प्रशासन की तरफ से कहा जाएगा कि अब आप लोग अपने-अपने घरों में चले जाएं. समस्या उस समय से हमलोगों के लिए शुरू होगी जब हमें खाने और रहने के लिए दोबारा से संघर्ष करना पड़ेगा. हमलोग जमीन लीज पर लेकर सब्जी उगाही करते हैं. यमुना में पानी ज्यादा आ जाने के कारण हमारी सब्जी की फसल नष्ट हो गई है और अब हम लोग क्या करें समझ में नहीं आ रहा है?’

राकेश अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं जो अपना दर्द बयां कर रहे हैं. गांधी नगर के पूरन और बरेली के रहने वाले शशिपाल मौर्य भी ऐसे लोग हैं, जिनका दर्द राकेश जैसा ही है. इन लोगों का साफ कहना है कि अभी तो बच्चों को दूध और समय पर खाना-पीना मिल रहा है. रहने के लिए भी अच्छा बंदोबस्त किया गया है, लेकिन समस्या कुछ दिनों के बाद शुरू होगी.

बता दें कि दिल्ली सरकार ने सोमवार को गांधी नगर के जिस लोहे का पुल बंद किया है वह 150 साल से भी अधिक पुराना है. यह पुल रेल और सड़क यातायात दोनों में काम आता है. अब इस पुल को बंद कर दिया गया है.

आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि पिछले दो दिनों में जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसी कारण से यमुना के निचले इलाके में पानी भर गया है और आने वाले कुछ दिनों में जान-माल का भी नुकसान हो सकता है. इसलिए इस पुल को भी सुरक्षा के नजरिए से बंद किया है.